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31 मार्च तक करा लें ऑडिट वरना नहीं लड़ पाएंगे प्रधानी

पटना, 21 मार्च (हि.स.)। प्रदेश में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर सरकार ने कुछ कड़े फैसले किए हैं। पंचायती राज विभाग ने रविवार को एक पत्र जारी कर कहा कि जिन्होंने 31 मार्च 2020 तक अपने खर्च का अंकेक्षण (ऑडिट) कार्य पूरा नहीं किया है, वे मुखिया चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। पंचायती राज विभाग ने स्पष्ट कहा कि पंचायती राज अधिनियम के अनुसार अंकेक्षण समय पर करवाना अनिवार्य है। अगर कोई मुखिया इस कार्य को नहीं करते हैं तो माना जाएगा कि वह संवैधानिक दायित्व को निभाने में असफल रहे। ऐसा नहीं करने वाले मुखिया अयोग्य घोषित किए जाएंगे। पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने बताया कि राज्यभर के जिन पंचायत प्रधान (मुखिया) ने ऑडिट नहीं कराया है उनको अंतिम मौका दिया जा रहा है। वे 31 मार्च से पहले ऑडिट करवा लें। उन्होंने बताया कि 500 से अधिक पंचायतें ऐसी हैं जहां ऑडिट नहीं हुआ है। बिहार में पंचायतों की संख्या 8,300 है। मुखिया इसलिए ऑडिट नहीं करा रहे हैं कि ऑडिट में उनकी गड़बड़ी पकड़ी जाएगी और आगे उनकी मुश्किलें बढ़ेंगी। लेकिन, अब पंचायती राज विभाग से जारी पत्र पर उन्हें अमल करते हुए ऑडिट कराना ही होगा नहीं तो मुखिया काली सूची में डाल दिये जाएंगे। इससे चुनाव लड़ने पर तो रोक लगेगी ही, साथ ही उनके पंचायतों में जांच भी की जाएगी कि वहां किस तरह से योजनाओं पर काम हुआ है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले सरकार ने उन जनप्रतिनिधियों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की बात कही थी, जिन्होंने हर घर जल-नल योजना को पूरा नहीं किया है। कई पंचायतों से यह शिकायत सामने आ रही है कि योजनाओं में गड़बड़ी की गई है। पैसे की भी लूट हुई है। हिन्दुस्थान समाचार/ गोविन्द/चंद्र

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