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ब्रह्माकुमारी दादी जानकी की मनायी गयी पहली पुण्यतिथि

सहरसा,27 मार्च (हि.स.)। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय का मार्च, 2020 तक 104 वर्ष की दीर्घ आयु में भी कुशल नेतृत्व करने वाली आदरणीया दादी जानकी जी की पहली पुण्यतिथि शनिवार को बनगांव रोड स्थित स्थानीय सेवाकेंद्र शान्ति अनुभूति भवन में मनाई गई। इस अवसर पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम एवं ब्रह्माभोजन का आयोजन किया गया। सेवा केंद्र प्रभारी स्नेहा बहन ने अपने संबोधन में कहा कि दादी जी सदा विश्व कल्याण की भावना से ओत-प्रोत रहती थीं। उनका जीवन सच्चाई, सफाई और सादगी की प्रतिमूर्ति था। दादी जी का हर कर्म औरों को प्रेरणा देने वाला होता था। दादी जी मन-वचन-कर्म की शुद्धि पर विशेष ध्यान खिंचवाया करती थीं। त्याग, तपस्या और सच्ची सेवाभावना क्या होती है यह दादी जी के जीवन प्रसंगों से सीखने को मिलता है। दादी जी के मुख से निकले हुए ज्ञान के रहस्य भरी ओजस्वी वाणी, उनकी मधुर मुस्कान एवं वरदानी दृष्टि पाकर सभी स्वयं को भाग्यवान महसूस करते थे। दादी जी के इतने बड़े संस्थान के कारोबार में रत रहते हुए भी उनका मन बिल्कुल विश्राम की अवस्था में होता था। उनके ब्रेन पर रिसर्च कर सन् 1983 में टैक्सास यूनिवर्सिटी ने उन्हें 'विश्व का सर्वाधिक स्थिर मन' खिताब से नवाजा। मोके पर उपस्थित सभी लोगों को ब्रह्माभोजन कराया गया। हिन्दुस्थान समाचार/अजय/चंदा

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