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बेगूसराय में होता है लाल खून का काला कारोबार, दाम है 15 हजार प्रति यूनिट

बेगूसराय, 30 अप्रैल (हि.स.)। रक्तदान महादान कहा जाता है, बड़ी संख्या में लोग रक्तदान कर जाने-अनजाने लोगों की जिंदगी बचाने में जुटे रहते हैं लेकिन बेगूसराय में खून 15 हजार रुपये प्रति यूनिट के भाव से बिक रहा है। इस धंधे में शामिल कोई और नहीं खुद को चिकित्सक और इंडियन ऑयल के स्टाफ बता रहे हैं। विभिन्न बीमारियों से पीड़ित खून के जरुरतमंद लोगों के लिए लाल खून के काले कारोबार का स्टिंग ऑपरेशन किया है रक्तदान करने वाली संस्था सूर्यकला रामजी फाउंडेशन के सचिव शैलेंद्र कुमार ने। इस स्टिंग का ऑडियो तेजी से वायरल भी हो रहा है। जिसमें खून के धंधेबाज ने अपने को सुभाष चौक के समीप संचालित एक बड़़े नर्सिंग होम में कार्यरत फिजियोथैरेपिस्ट बताया है। जबकि दो यूनिट खून का दम 30 हजार से एक भी रुपया कम नहीं बताने वाले कमल नाम के व्यक्ति ने अपने को बरौनी रिफाइनरी में कार्यरत बताया है। अपने परिजन के लिए ए-निगेटिव ग्रुप का दो यूनिट खून के लिए परेशान एक व्यक्ति ने जब किसी तरह से पता लगाया तो खून के धंधेबाज का नंबर मिला। फोन करने पर उसने बताया कि इस ग्रुप का दो यूनिट खून 30 हजार से कम में नहीं मिलेगा। खून लेने के लिए आपको पूरे 30 हजार लेकर पावर हाउस रोड में पेट्रोल पंप के सामने स्थित एक नर्सिंग होम (नाम भी बता रहा हैै) में आना होगा। जहां काउंटर पर मौजूद स्टाफ को पैसा देते ही खून टेस्ट में मैचिंग कर दो यूनिट उपलब्ध करवा दिया जाएगा। खून के दलाल यह भी विश्वास दिलाते हैं कि स्वस्थ्य व्यक्ति का खून हमारे पास पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहता है। जहां चाहिए मिलेगा, हमलोगों का धंधा ही यही है और कोई गड़बड़ी नहीं होती है। शैलेंद्र कुमार ने बताया कि खून जीवन का आधार है, जिसका दान करके व्यक्ति मानवता को भी ऋणी कर देता है लेकिन बेगूसराय में दलालों द्वारा लाल खून के किए जा रहे काले कारनामे में रोंगटे खड़ेेेे कर दिए हैं। यहां वर्षों से खून का काला धंधा चल रहा है। देश के कई हिस्सों में खून बेचने के मामले सामने आते रहे हैं। किसी भी अस्पताल में मरीजों की परेशानियों के दौरान अक्सर कुछ ऐसे चेहरे घूमते मिल जाते हैं, जो ऐसे अभिभावकों को खोजते रहते हैं, जिनके मरीज को खून की जरूरत होती है। यह लोग कोई समाजसेवी नहींं, बल्कि खून बेचने वाले दलाल होते हैंं। अक्सर सड़क दुर्घटना या किसी ऑपरेशन के समय मरीज को खून की जरूरत पड़ जाती है और देने वाला उपलब्ध नहीं होता है तो आवश्यकता की इस स्थिति से लाल खून का काला धंधा शुरू हो जाता है।बेगूसराय में तीन ब्लड बैंक हैं, कई रक्तदाता समूह द्वारा भी लोगों को प्रेरित कर रक्तदान कराया और जरूरतमंदों को मुहैया कराया जाता हैै। इसके बावजूद खून के काले कारोबारियों ने जो खुलासा किया हैै, यह दुर्भाग्यपूर्ण है, प्रशासन ऐसेे लोगों पर कड़ी कार्रवाई करेे। उल्लेखनीय है कि बेगूसराय पूर्वोत्तर बिहार का मेडिकल हब है। यहां आसपास के आधे दर्जन से अधिक जिलों के लोग इलाज कराने के लिए आते हैं। जिसमें अधिकतर लोगों को खून की जरूरत होती है और बाहरी रहने के कारण परिजन जब खून की व्यवस्था नहीं कर पाते हैं तो मजबूरी में उन्हें दलालों के ही शरण में जाना पड़ता है। सदर अस्पताल के आसपास कई दलाल 24 घंटा सक्रिय रुप से मौजूद रहते हैं। हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र/चंदा

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