नवगठित बीटीएमसी में भाजपा को तबज्जो नहीं
नवगठित बीटीएमसी में भाजपा को तबज्जो नहीं

नवगठित बीटीएमसी में भाजपा को तबज्जो नहीं

गया, 24 जुलाई (हि.स.)। नीतीश सरकार ने विश्व प्रसिद्ध बौद्ध धर्मावलंबी के महाबोधि मंदिर प्रबंधन कमेटी का पुनर्गठन किया है लेकिन पुनर्गठित कमेटी में भाजपा नेताओं को जगह नहीं मिली है।इसे लेकर भाजपा के स्थानीय नेताओं में काफी रोष है। भाजपा के वरिष्ठ नेता भोला मिश्र एनडीए शासनकाल में पूर्व में बीटीएमसी के सदस्य रहे हैं।इस बार एक बार फिर भोला मिश्र या किसी स्थानीय भाजपा नेता को नवगठित कमेंटी में शामिल किए जाने की चर्चा थी। 2017 में जदयू,राजद और कांग्रेस के महागठबंधन में गठित कमेटी में सिर्फ जदयू कोटा के नेताओं को बीटीएमसी में जगह दी गई थी जबकि 2008 से 2014 की अवधि में लगातार दो टर्म भाजपा नेता भोला मिश्र कमेटी के सदस्य रहे हैं। राज्य सरकार के गृह विभाग के विशेष सचिव सुनील कुमार द्वारा 17 जुलाई के हस्ताक्षर से जारी आदेश की अधिसूचना 21 जुलाई को निर्गत की गई है। नवगठित कमेटी का कार्यकाल तीन साल का होगा। नव गठित कमेटी के पदेन अध्यक्ष गया के जिलाधिकारी होंगे। वहीं, सचिव सिक्कम कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी एन दोरजे बनाए गए हैं। जबकि कमेटी में हिंदू पक्ष के चार सदस्यों को जगह दी गई है। इनमें जदयू नेता डा.अरविंद कुमार सिंह, पूर्व विधायक सुरेंद्र सिन्हा, कृष्णा मांझी और बोधगया मठ के महंत रमेश गिरी शामिल हैं। जबकि बौद्ध धर्मावलंबियों में एन दोरजे सदस्य सह सचिव, महाश्वेता महारथी,टी आकोनोगी और डा.धम्मधिरो को जगह दी गई है। उल्लेखनीय है कि गया जदयू में नीतीश कुमार के हनुमान के रूप में चर्चित डा.अरविंद कुमार सिंह 2008 से लगातार बीटीएमसी के सदस्य हैं। वहीं,सदस्य सचिव पूर्व आईएएस अधिकारी एन दोरजे भी 2008 से सदस्य सचिव बीटीएमसी के है। जबकि बौद्ध कोटे से महाश्वेता महारथी 2008 से बीटीएमसी सदस्य हैं। भाजपा छोड़कर जदयू में शामिल हुए पूर्व विधायक सुरेंद्र सिन्हा लगातार दूसरी दफा गठित बीटीएमसी का सदस्य बनाए गए हैं। हिंदुस्थान समाचार/ पंकज कुमार/विभाकर-hindusthansamachar.in

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