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बिनोबा भावे के सहयोगी दिवाकर भाई का कोरोना से निधन

गया, 22 मई (हि.स.) विनोबा भावे जी के साथ भूदान आन्दोलन में शुरू से सक्रिय रहे और बिहार के गया जिला के भूदान कार्यालय के मंत्री पद का जिम्मा लंबे अर्से तक संभालने वाले सरल,सहज,सज्जन कर्मठ इंसान, सभी के बड़े भाई समान दिवाकर भाई का देहांत इंदौर (मध्य-प्रदेश) के अस्पताल में हो गया। दिवाकरर भाई, अभी कुछ दिनो पूर्व अस्पताल से ठीक हो कर वापस घर आ गए थे। पुन: 19 मई को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था। शुक्रवार तक वे ठीक थे और परिवार से शुक्रवार की रात बात किए थे। शनिवार की सुबह से तबियत बिगड़ने लगी और दोपहर में उन्होंने अंतिम सांस ली। उस समय उनके पुत्र और पुत्री सपरिवार इंदौर में उनके साथ थे। पुराने गया जिला जिसमें आज पांच जिले हैं। उसमें मजदूरों-भूमिहीनों के बीच भूदान की जमीनों का प्रारंभ से ही वितरण, संयोजन और विकास की संभावनाओं को मूर्त रूप देने में उन्होंने अथक परिश्रम किया था। पुराने गया जिला के गरीबों, दलितों, मजदूरों से इनका खास लगाव रहा।समाज के सभी तबकों के बीच इनकी अपनी विशिष्ट पहचान थी। सभी क्षेत्र के लोग इन्हें विशेष सम्मान देते थे। पत्नी इंदिरा बहन और दिवाकर भाई ने मिलकर गया जिला में पांच दशकों से भी अधिक लंबें अर्से तक समाज के विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय हो कर बहुत काम किया था। गया जिला के सभी क्षेत्रों में उन्हें जानने वाले हजारों लोग रहे हैं। सामाजिक क्षेत्रों में इनकी विशिष्ट पहचान रही है। इंदिरा बहन ने छोटे बच्चे-बच्चियों को भारतीय संस्कृति और संस्कार के आदर्श देने और शिक्षित करने का प्रशंसनीय कार्य भी किया है। दिवाकर भाई और इंदिरा बहन के द्वारा गया जिला में किए गए श्रेष्ठ प्रशंसनीय कार्यों के लिए गयावासी उन्हें याद करेगे। हिन्दुस्थान समाचार/पंकज/चंदा

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