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बनगांव होली उत्सव को मिला राजकीय दर्जा,मंत्री ने दिया 20 लाख रुपया

सहरसा,04 मार्च(हि.स.)। 18वीं सदी से मनाये जाने वाले मिथिलांचल में बनगांव की होली ने साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल के साथ अपनी अलग पहचान बनाई है। होली समिति के अध्यक्ष महावीर झा द्वारा बनगांव में आयोजित होने वाले त्रिदिवसीय गोस्वामी लक्ष्मी नाथ होली समिति को बिहार सरकार द्वारा अधिगृहित कर वार्षिक कैलेन्डर में शामिल करने की मांग को लेकर समिति एवं ग्रामीणों द्वारा कला संस्कृति मंत्री डॉ आलोक रंजन से की गई थी। जिसे कला संस्कृति मंत्रालय ने बनगांव मे होली उत्सव के अवसर पर त्रिदिवसीय शास्त्रीय संगीत, सेमिनार एवं अन्य कार्यक्रम के आयोजन में 20 लाख रूपये आवंटन की स्वीकृति दी गई है। इस राशि की निकासी जिला पदाधिकारी द्वारा जिला कोषागार से की जाएगी एवं बनगांव में 27 से 29 मार्च तक होली उत्सव के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम कोविड 19 के प्रसार को रोकने के लिए गृहविभाग बिहार के संयुक्तादेश द्वारा जारी दिशा निर्देश का अनुपालन करते हुए सुनिश्चित किया जाएगा। राशि की स्वीकृति पर अतिरिक्त वित्तीय सलाहकार की सहमति एवं विभागीय प्रधान सचिव के माध्यम से मंत्री का अनुमोदन प्राप्त हो गया है। कला संस्कृति मंत्री डाॅ आलोक रंजन ने कहा कि बनगांव होली समिति को बिहार सरकार के कैलेन्डर में शामिल कर अधिगृहित कर लिया गया है। अब यह आयोजन बड़ी धूमधाम से प्रतिवर्ष मनाया जाएगा। ज्ञात हो कि बरसाने की लठ्ठमार होली की तरह बनगांव की होली में हर्षोल्लास के साथ आपसी भाईचारा एवं सामाजिक सदभाव देखते ही बनता है। गांंव के सभी ग्रामीण भगवती स्थान मंदिर पर इकट्ठा होकर मानव पिरामिड बनाते हैं।जिसमें सभी जाति धर्म के लोग एक दूसरे के कंधे पर सवार होते हैं। जहांं सामूहिक रूप से रंगो की बाछौर में भीगते हैं। बनगांव की इस अद्भुत होली को देखने अन्य जिलो एवं दूर दराज से ग्रामीण पहुंंचकर आनंद उठाते हैंं। हिन्दुस्थान समाचार/अजय/चंदा

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