नई तकनीक स्वास्थ्यकर्मियों के साथ पर्यावरण को भी सुरक्षित करने में देगी महत्वपूर्ण योगदान: अश्विनी चौबे
नई तकनीक स्वास्थ्यकर्मियों के साथ पर्यावरण को भी सुरक्षित करने में देगी महत्वपूर्ण योगदान: अश्विनी चौबे

नई तकनीक स्वास्थ्यकर्मियों के साथ पर्यावरण को भी सुरक्षित करने में देगी महत्वपूर्ण योगदान: अश्विनी चौबे

चक्र डिकोव तकनीक से एन 95 मास्क चंद मिनटों में शुद्धिकृत हो 10 बार तक पुनः उपयोग लाया जा सकेगा पटना, 10 जुलाई (हि.स.)। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चक्र इनोवेशन एवं आईआईटी दिल्ली की ओर से संयुक्त रूप से तैयार की गई नई तकनीक चक्र डिकोव का लोकार्पण किया। यह नई तकनीक एन95 मास्क का चंद मिनटों में शुद्धिकृत कर सकती है। इसके बाद 10 बार पुनः इसे उपयोग लाया जा सकता है। इसे आईआईटी दिल्ली एवं चक्र इनोवेशन ने मिलकर तैयार किया है। चक्र इनोवेशन आईआईटी दिल्ली से पढ़े युवाओं की संस्था है। चक्र इनोवेशन के फाउंडर्स ने प्रोफेसरों के साथ मिलकर नई तकनीक खोजी है। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री चौबे ने कहा कि नई तकनीक हमारे स्वास्थ्यकर्मियों के साथ पर्यावरण को भी सुरक्षित करने में महत्वपूर्ण योगदान देगी। इससे न सिर्फ इन मास्क द्वारा पैदा होने वाला अपशिष्ट कम होगा, बल्कि ये मास्क ज़्यादा से ज़्यादा उपलब्ध करवाने में मदद मिलेगी। उन्होंने ऐसे कठिन समय में स्वास्थ्यकर्मियों एवं पर्यावरण को बचाने के लिए एवं विश्व की पहली ओज़ोन आधारित मास्क शुद्धिकरण तकनीक बनाने वाली चक्र इनोवेशन व आईआईटी दिल्ली की टीम को बधाई दी है। इस नई तकनीक को आईसीएमआर ने भी टेस्ट किया है। अश्विनी चौबे ने कहा कि कोरोना काल में भारतीय प्रतिभाओं ने अपनी लगन मेहनत एवं इनोवेशन से आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई नई तकनीकों का ईजाद किया है। कोई वेंटिलेटर, कोई रैपिड टेस्टिंग किट तो कोई सेनिटाइज़ेशन के लिए रोबोट बना रहा है। जिसे बनाने के लिए भारत सरकार के साथ-साथ कई संस्थाओं ने इन स्टार्टअप्स को आर्थिक सहायता भी प्रदान की है। कार्यक्रम को आईआईटी दिल्ली के डायरेक्टर प्रोफेसर वी राम गोपाल राव और राज्यसभा सदस्य डॉ. विकास महात्मे ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया। इस नई तकनीक की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। आपदा में भारतीय प्रतिभाओं ने तलाशा अवसर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री चौबे ने चक्र इनोवेशन की टीम की हौसला अफजाई करते हुए कहा कि भारतीय प्रतिभाएं आपदा में अवसर तलाश कर समाज को नई राह दिखाने का काम करती है। जहां पहले एन 95 मास्क, पीपीई किट, वेंटिलेटर आदि के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहना पड़ रहा था। आज भारत दूसरे देशों को यह उपलब्ध कराने में मदद कर रहा है। फ़रवरी तक हमारे देश में पीपीई बनाने के गिनती के उत्पादक थे। आज यह संख्या 600 से ज़्यादा हो गई है। 6 लाख पीपीई प्रतिदिन बना रहा है। इसमें प्रतिदिन बढ़ोतरी हो रही है। अपने स्वास्थ्यकर्मियों को सुरक्षा देने में देश आत्मनिर्भर बना है। हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/विभाकर-hindusthansamachar.in

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