Asha will knock every door, Kalazar will identify patients
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घर-घर दस्तक देंगी आशा, कालाजार मरीजों की करेंगी पहचान

• जिले में कालाजार मरीजों की खोज अभियान की हुई शुरुआत • 15 दिनों से अधिक लगातार बुखार रहने पर हो सकता है कालाजार • 1 दिन में 50 घरों का भ्रमण करेंगी आशा कार्यकर्ता छपरा,15 जनवरी (हि.स.)। जिले में कालाजार उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से घर-घर कालाजार मरीजों की खोज अभियान की शुरुआत की गयी है। जिसके तहत आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर कालाजार मरीजों की पहचान करेंगी। अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम, मुख्य मलेरिया कार्यालय, बिहार पटना के निर्देशानुसार जिले में 15 जनवरी से अभियान की शुरुआत की गयी है। कालाजार मरीजों की खोज वर्ष 2018, 2019 एवं 2020 में प्रतिवेदित कालाजार मरीजों के घर के चारों दिशाओं में स्थित 50-50 घरों(अधिकतम 200 से 250 घरों) में खोज किया जाना है। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने बताया रोगी खोज के दौरान 15 अथवा 15 दिनों से अधिक बुखार से पीड़ित व्यक्ति जिन्होंने बुखार के दौरान मलेरिया की दवा अथवा एंटीबायोटिक दवा का सेवन किया हो एवं उसके बाद भी बुखार ठीक न हुआ हो, भूख की कमी एवं उदर का बड़ा होना जैसे लक्षण हो उन्हीं व्यक्तियों की जांच आरके-39 किट द्वारा जांच के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में रेफर किया जायेगा। आरएमआरआई पटना में किया जायेगा रेफर: यदि किसी व्यक्ति ने कालाजार का इलाज पूर्व में काराया हो फिर भी उनमें बुखार के साथ कालाजार के लक्षण पाये जाएँ तो उन्हें आरके-39 किट से जांच न करते हुए बोन मैरॉव या स्पील एस्पाइरेशन जांच के लिए आरएमआरआई पटना रेफर किया जायेगा तथा उनके नाम की प्रविष्टि संबंधित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं आशा अपने-अपने रेफरल रजिस्टर में करेंगी । एक दिन में 50 घरों का भ्रमण करेंगी आशा: कालाजार मरीजों की पहचान के लिए आशा कार्यकर्ता प्रतिदिन 50 घरों में ही खोज करेंगी। अधिकतम 250 घरों में रोगी खोज करने पर उन्हें प्रोत्साहन राशि के रूप में एक मुश्त 200 रुपये की दर से भुगतान किया जायेगा। आशाओं के कार्यों का पर्यवेक्षण आशा फैसलिटेटर द्वारा किया जायेगा। पर्यवेक्षण के लिए एक मुश्त कुल 300 रुपये की दर से भुगतान किया जायेगा। अभियान में मुखिया की ली जायेगी मदद: जिला भीबीडीसी सलाहाकार प्रतिकेश कुमार ने बताया कि आक्रांत प्रखंडों के आक्रांत गांवों में खेज के एक दिन पूर्व ही माइकिंग एवं बैनर के द्वारा प्रचार-प्रसार किया जायेगा। आक्रांत गांवों में रोगी खोज के पूर्व उस गांव के मुखिया को इसकी सूचना दी जायेगी एवं इस अभियान में उनकी मदद ली जायेगी। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी व अन्य कर्मी करेंगे पर्यवेक्षण: जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि घर-घर रोगी खोज अभियान का पर्यवेक्षण प्रखंड स्तर के चिकित्सा पदाधिकारी, बीसीएम, भीबीडीएस, बीएचआई, बीएचडबल्यू एंव केबीसी के द्वारा सुनिश्चित किया जायेगा। जांच किये गये रोगियों की संख्या एवं व घनात्मक रोगियों की संख्या जिलास्तर पर स्थित कंट्रोल रूम को प्रतिदिन उपलब्ध कराएंगे। प्रतिदिन प्राप्त घनात्मक रोगियों के उपचार एंव फॉलोअप का दायित्व उन प्रखंडों के भीबीडीएस एंव केबीसी का होगा। साथ ही घनात्मक पाये गये रोगियों के ग्रामों में अविलंब फोकल छिड़काव कराना सुनिश्चित करेंगे। हिन्दुस्थान समाचार / गुड्डू-hindusthansamachar.in

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