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लंबे समय से नक्सल संगठन को मजबूत कर रहा था असगर

जमुई,25 फरवरी(हि.स.)।नक्सली संगठन से मिलकर संगठन को मजबूत करने के आरोप में चकाई के रघूसर इलाके से बुधवार को सीआरपीएफ के हत्थे चढ़े पारा टीचर असगर अंसारी के लंबे समय से पुलिस की आंखों में धूल झोंककर नक्सली संगठन को मजबूत करने की बात सामने अ रही है | पुलिस के अनुसार असगर भले ही पारा टीचर है,लेकिन संगठन में इसकी भूमिका अहम मानी जाती थी।यह इतना शातिर था कि कुछ दिन पूर्व इसने अपने विद्यालय में पुलिस के सहयोग से सिविक एक्शन कार्यक्रम का आयोजन कराया था।असगर को इलाके के पुलिस कैंप में भी आते-जाते देखा गया था तब इस पर किसी को शक नहीं था कि यह संगठन से जुड़ा हो सकता है।इसके बारे में यहां तक कहा जाता है कि यह संगठन का बड़ा मददगार था।पारा टीचर रहने के कारण पुलिस भी इस पर शक नहीं कर पाती थी।इसी का फायदा यह उठा रहा था। हालांकि,इस पर पूर्व से दो नक्सल मामले दर्ज रहने की बात बताई गई है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार असगर पर 2015 में चकाई थाना के कौनझी में नक्सली पोस्टर एवं पिस्टल बरामद होने के मामले में केस दर्ज है। 2020 में भेलवा घाटी थाना के कुल मुंगरी पुल निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के साथ मारपीट और लेवी मांगने के मामले में केस दर्ज है।पुलिस लंबे समय से इसकी गिरफ्तारी की प्रयास में जुटी हुई थी।पारा टीचर होने के कारण इसे गिरफ्तार नहीं कर रही थी।आखिरकार बुधवार की सुबह पुलिस ने इसे गिरफ्तार कर लिया।इसके विपरीत उसके गांव के ग्रामीण असगर को नक्सली नहीं मानते हैं।दबी जुबान से कई ग्रामीणों ने बताया कि वह तो चकाई बाजार से सटे रघुसार इलाके में घर बनाकर रहता था।जंगल और जंगली इलाके से उसका कोई लगाव नहीं था।वह गांव भी नहीं के बराबर आता था।वह तो बाजार इलाके में रहकर वहीं से स्कूल आना-जाना करता था।ग्रामीण यहां तक बताते हैं कि पूर्व में उस पर जो नक्सल मामले दर्ज हुए हैं वह साजिश के तहत उस पर दर्ज करा दिए गए थे।गुरुवार को पूछताछ के बाद असगर को पुलिस ने जेल भेज दिया| हिन्दुस्थान समाचार/मुकेश/चंदा

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