All three agricultural laws are going to destroy agriculture and farming: Kisan Mahasabha
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खेती और किसानी को बरबाद करने वाला है तीनों कृषि कानून:किसान महासभा

बेतिया, 06 जनवरी (हि.स.)।खेती और किसानी को बरबाद करने वाले तीनों कृषि कानून को रद्द करने को लेकर अखिल भारतीय किसान महासभा ने अनिश्चित कालीन धरना की शुरुआत आज की। धरना को संबोधित करते हुए किसान महासभा के जिला अध्यक्ष सुनील कुमार राव ने कहा कि किसान आंदोलन से देश के नागरिकों का बढ़ता हुआ सरोकार और उसके पक्ष में बन रही राष्ट्रीय भावना न केवल मोदी सरकार बल्कि अम्बानी और अडानी जैसे कारपोरेट घरानों की बेचैनी बढ़ाती जा रही है। जन भावना के दबाव में ही अम्बानी को यह कहना पड़ा है कि उन्हें कांटैक्ट फार्मिंग में नहीं जाना है और न ही सीधे तौर पर किसानों से फसलों की खरीद में उनकी इंडस्ट्री लगी हुई है। रिलांयस इंडस्ट्रीज का यह बयान सच के परे है। सुनील कुमार ने कहा कि हजारों एकड़ जमीन पर फार्मिंग व लैंड डेवलपमेंट अथारटी के लिए लैंड बैंक बनाने की योजना पर यह कम्पनी काम कर रही है, रायगढ़, महाराष्ट्र व अन्य जगहों पर रिलांयस ने भारी मात्रा में जमीन का अधिग्रहण किया है। यही हाल अडानी का भी है, उसने हरियाणा, पंजाब, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, और पश्चिम बंगाल में खाद्यान्न के भंडारण के लिए साइलो बना लिए हैं और लाजिस्टिक पार्क के नाम पर बड़े पैमाने पर जमीनें ली हैं। किसान महासभा के जिला नेता हारून गद्दी ने कहा कि अपनी मांगों पर डटे किसानों ने इस कंपकपाती ठंड और बरसात में धैर्य के साथ बेहद कठिन स्थितियों का सामना किया है और किसान आंदोलन में अब तक 50 से अधिक किसानों की मौत और आत्महत्या हो चुकी है। सरकार संवेदनहीन बनी हुई है और किसानों की ठोस व स्पष्ट मांग को हल करने की जगह वार्ता पर वार्ता की तारीखें दे रही है, उन पर लगातार दमन ढा रही है। मुखिया संघ जिला महासचिव नवीन कुमार ने कहा कि मोदी सरकार को तीनों कृषि कानून को रद्द करते हुए किसानों की न्यायोचित मांगों को पूरा करना चाहिए, किसान नेता बिनोद कुशवाहा ने कहा कि चीनी मीले दो माह से अधिक समय से चल रही है। किसान मीलों को गन्ना का आपूर्ति करते रहे है। लेकिन आज तक गन्ना मूल्य का निर्धारण नही हो सका हैं। पटना और दिल्ली कि सरकारों कि नीति कम्पनी प्रस्त है। सरकार कि यह करवाई से चीनी मीलों के लूटराज कायम है। पिछले तीन सालो से गन्ना का मूल्य नही बढाया गया है। इस दौरान एक तरफा मोदी सरकार डीजल का दाम बढाकर और जीएसटी के जरिये किसानों को लूट रही है। किसान नेता ने गन्ना मुल्य 400 रुपया प्रति क्विंटल करने कि मांग किया । इस मौके पर सुरेन्द्र चौधरी, जोखू चौधरी, सत्यनारायण प्रसाद कुशवाहा, ठाकुर साह, अलिहुस्सेन मियां, बच्चा शर्मा, सुजीत कुमार, कृष्ण कुमार, मनोज महतो, हमिद गद्दी, प्रकाश माझी, एकराम शेख , बैरिया पंचायत के उप मुखिया भरत राम, फुलदेव कुशवाहा, फैयाज़ अहमद आदि नेताओं ने भी तीनों कृषि कानून सहित बिजली बिल 2021 को रद्द करने की मांग को दुहराया । हिन्दुस्थान समाचार/अमानुल हक-hindusthansamachar.in

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