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मैथिलीपुत्र की जयंती पर दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि

दरभंगा, 03 मार्च (हि.स.)।मैथिलीपुत्र प्रदीप की 85वीं जयंती पर विद्यापति सेवा संस्थान ने बुधवार को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।अपने संदेश में संस्थान के महासचिव डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि मैथिली की लोकप्रिय भगवती वंदना 'जगदंब अहीं अवलंब हमर, हे माई अहां बिनु आस ककर...' के रचयिता मैथिलीपुत्र प्रदीप मिथिला के लोगों के हृदय में ही नहीं, जुबान में आज भी बसते हैं। उनकी मैथिली रचनाओं को लोग आज भी सुनकर भाव-विभोर हो उठते हैं। उन्होंने कहा कि ऋषि परंपरा के वे एक ऐसे कवि थे, जो पाठशाला में शिक्षक के कर्तव्य का निर्वहन करते हुए मैथिली की रचनाएं गढ़ते थे। इसलिए पाठशाला में मैथिली माध्यम से पढ़ाई शुरू किया जाना उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी और इसके लिए सबों को एकजुटता प्रदर्शन करना समय की मांग है। मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पं. कमलाकांत झा ने कहा कि वे आधुनिक मैथिली भाषा-साहित्य के संस्थापकों में से एक थे। प्रदीप की जयंती पर उनके प्रति संवेदना व्यक्त करने वाले अन्य लोगों में महात्मा गांधी शिक्षक संस्थान के चेयरमैन हीरा कुमार झा, मणिकांत झा, डा बुचरु पासवान, प्रवीण कुमार झा, हरिश्चंद्र हरित, डॉ. महेंद्र नारायण राम, डाॅ सुषमा झा, नवल किशोर झा, दीपक कुमार झा, डॉ. गणेश कांत झा, डॉ. उदय कांत मिश्र, विनोद कुमार झा, प्रो चंद्रशेखर झा बूढा भाई, आशीष चौधरी, चंदन सिंह आदि शामिल थे। हिन्दुस्थान समाचार/मनोज

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