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शिव जयंती का 85वां महोत्सव हर्षोल्लास के साथ संपन्न

सहरसा,07 मार्च(हि.स.)। प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की ओर से रविवार को दीप प्रज्ज्वलन कर महोत्सव का उद्घाटन जिला एवं सत्र न्यायाधीश बी.के. शुक्ला एवं फैमिली जज रविंद्र कुमार त्रिपाठी ने संयुक्त रुप से किया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि ईश्वरीय विश्व विद्यालय विश्व शान्ति स्थापना में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। आज के समय में चिंता, निराशा, भय, दुःख बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे समय पर आध्यात्मिक ज्ञान और मेडिटेशन से लोगों का बड़ा भला हो सकता है। यह संस्थान अपने विश्वव्यापी सेवा केंद्रों के माध्यम से भली-भांति कर रहा है। फैमिली जज ने 85वें शिव जयन्ती महोत्सव की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि परमात्मा की तलाश ईश्वरीय विश्व विद्यालय में आकर पूरी हो जाती है। यहां की शान्ति, पवित्रता, लोगों का जीवन और उनकी खुशी देखकर ऐसा लगता है कि जरूर इन्हें कुछ विशेष प्राप्ति हुई है। ऐसा परमात्मा के सत्य ज्ञान की प्राप्ति और जीवन में उसकी धारणा से ही संभव है। समस्तीपुर से पधारे कृष्ण भाई ने उपस्थित लोगों को इस पावन दिवस की बधाई देते हुए कहा कि परमात्मा का अज्ञानता की अंधियारी रात में दिव्य अवतरण होता है। इसलिए इस पर्व को शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। आज जो मनुष्य के जीवन में दुःख, अशांति, चिंता, भय, निराशा आदि का अंधकार व्याप्त है उससे केवल परमात्मा द्वारा बताए गए मार्ग पर चलकर ही सदा काल के लिए मुक्ति पाई जा सकती है। ,ज्ञान, शान्ति, प्रेम, पवित्रता, सुख, आनंद- यह सब परमपिता परमात्मा शिव का हम आत्माओं रुपी संतानों के लिए वर्सा है अर्थात् जब से हम उनके बने यह गुण अधिकार के रूप में हमारे अपने हो गए। जितना हम राजयोग द्वारा उनसे संबंध जोड़ते हैं उतना हमें इन गुणों की अनुभूति होने लगती है, आत्मा शुद्ध होने लगती है। सेवा केंद्र प्रभारी स्नेहा बहन ने शिव जयंती के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिवलिंग निराकार परमपिता परमात्मा शिव के ज्योति स्वरूप का यादगार है। समारोह को शिवशंकर प्रसाद सिंह एवं जयप्रकाश यादव ने भी संबोधित किया। हिन्दुस्थान समाचार/अजय/चंदा

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