40 करोड़ खर्च के बाद भी तटबंध सुरक्षित नहीं, रिसाव व कटाव से दियारे की आधी आबादी भयभीत
40 करोड़ खर्च के बाद भी तटबंध सुरक्षित नहीं, रिसाव व कटाव से दियारे की आधी आबादी भयभीत

40 करोड़ खर्च के बाद भी तटबंध सुरक्षित नहीं, रिसाव व कटाव से दियारे की आधी आबादी भयभीत

गोपालगंज,14 जुलाई(हि.स.)। नेपाल में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण गंडक नदी उफान पर है। नदी में पानी लगातार बढ़ रहा है। इससे जगह-जगह बांध पर दबाव का कहर शुरू हो गया है। गंडक बराज के सभी फाटकों काे खोल दिया गया है। जिसके बाद सारण तटबंध और छरकी तटबंध के 72 किलोमीटर के 27 प्वाइंट पर खतरा बना हुआ है। 40 करोड़ रुपये खर्च किये जाने के बाद भी तटबंध सुरक्षित नहीं है जिससे जिले के 6 प्रखंडों के दियारा क्षेत्र की आधी आबादी बाढ़ से भयभीत है । बांध के निचले इलाकों में पानी घुस गया है। कई इलाकों का मुख्यालय से सड़क संपर्क भंग हो गया है। लगातार रुक-रुक कर हो रही वर्षा के कारण गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है। महज दो दिनों में 2.39 लाख क्यूसेक पानी गंडक बराज ने छोड़ा है जिससे नदी में उफान आ गया है। इसको लेकर तटबंध पर दबाव बढ़ता जा रहा है। रविवार की रात 10 बजे मंगुरहा छरकी के 0.5 किलोमीटर पर पानी का रिसाव होने से बांध के आधे भाग में 200 फीट तक धंस गया। बांध टूटते देख आसपास के लोगों ने डीएम को जानकारी दी। आनन-फानन में बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों के साथ गांव के लोग और मजदूर मिलकर रिसाव को बंद कराने में जुटे। छरकी के टूटने के डर से बांध के आसपास रहने वाले सैकड़ों लोगों ने बांध के पास जमा होकर बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों को घेरकर बांध की मरम्मत में लापरवाही बरतने का आरोप लागाया। छरकी पर तैनात सहायक अभियंता कन्हैया लाल सिंह ने लोगों को समझाते हुए कहा कि बांध में छिद्र होने के कारण रिसाव हो रहा है। डीएम अरशद अजीज, एसपी मनाेज कुमार तिवारी अधिकारियों के साथ सारण तटबंध और छरकी का जायजा लेने पहुंचे। छरकी के नीचे रहने वाले इलाके में पानी आने के कारण दियारे के लोग तटबंध और छरकी पर शरण लिये हुए हैं। बढ़ते जलस्तर को देखते हुए भयभीत लोगों ने डीएम से कहा कि सर बांध का बचा लें। बांध के पास डीएम के पहुंचते ही ग्रामीणों ने बाढ़ नियंत्रण विभाग विभाग पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। उन्होंने सरकारी राशि की लूट-पाट करने का आरोप लगाते हुए कहा कि रिसाव होने की सूचना रविवार को दोपहर में दी गई लेकिन विभाग ने कोई संज्ञान नहीं लिया। जब छरकी 200 फीट धंस गया तो विभाग की नींद खुली है। ग्रामीणों की शिकायत पर डीएम ने सदर बीडीओ और सीओ के साथ ही बाढ़ नियंत्रण के अधिकारियों से पूछा कि जानकारी मिलने के बाद भी आखिर इतनी देर से काम शुरू कैसे हुआ। इसमें किस अधिकारी की लापरवाही है। उसपर डीएम ने कार्रवाई करने का आदेश दिया। सिधवलिया प्रखंड के सल्लेहपुर-टंटसपुर छरकी में कटाव रोकने के लिए रात में मजदूर सीओ और बीडीओ की देखरेख में काम कर रहे थे। बीडीओ ने बताया कि छरकी को बचाने के लिए बालू भरे बोरे से बांध को मजबूत किया जा रहा है। जलस्तर लगातार बढ़ने से बांध पर दबाव बढ़ा है। डीएम अरशद अजीज ने कहा कि पूरी स्थिति पर नजर रखी जा रही है। रात-दिन तटबंध की निगरानी की जा रही है। चौकीदार, गृहरक्षक के साथ अधिकारियों को तैनात किया गया है। वरीय अधिकारियों को तटबंध पर रहने का आदेश दिया गया। तटबंध के नीचे रहने वाले को सुरक्षित स्थान पर चले जाने का आदेश दिया गया है। हिन्दुस्थान समाचार/अखिला/हिमांशु शेखर /विभाकर-hindusthansamachar.in

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