-अचानक सरदार पटेल भवन पहुंचे नीतीश कुमार -कानून-व्यवस्था की वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ की समीक्षा पटना, 23 दिसम्बर (हि.स.)।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार दोपहर अचानक पटना के सरदार पटेल भवन पहुंच गए। यहां बिहार पुलिस का मुख्यालय है। मुख्यमंत्री का इस तरह पुलिस मुख्यालय पहुंचना महत्वपूर्ण घटना थी, क्योंकि उनका यह कार्यक्रम पूर्व निर्धारित नहीं था। यहां उन्होंने डीजीपी एसके सिंघल के साथ ही मुख्यालय में मौजूद अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की। बिहार में विधि-व्यवस्था पर पुलिस विभाग की ओर से एक प्रेजेंटेशन दिया गया। बैठक के बाद नीतीश जब निकले तो उन्होंने मीडिया से भी बातचीत की। सरदार पटेल भवन से बाहर निकलने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में कानून-व्यवस्था पर काम हो रहा है। वैसे जिसको जो मर्जी है, बोलता है। इसलिए तो आज हम ख़ास तौर पर आये हैं। गृह और पुलिस विभाग के साथ बातचीत की है। कोशिश होगी कि हम हमेशा यहां आते रहें। माना जा रहा है कि सूबे की कानून-व्यवस्था के बिगड़े हालात से नीतीश कुमार बेहद नाराज हैं। इसी वजह से उन्होंने आज खुद बिहार पुलिस मुख्यालय पहुंचकर मीटिंग की है। इस भवन में नीतीश तीसरी बार पहुंचे थे। इससे पहले एक बार भवन निर्माण के वक्त और दूसरी बार इसके उद्घाटन के वक्त आये थे। हालांकि बिहार विधानसभा चुनाव के बाद कानून-व्यवस्था को लेकर भी सीएम की यह तीसरी ही बैठक है। उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव के बाद 28 नवंबर को पहली और 12 दिसम्बर को दूसरी बैठक की थी। बिहार में कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष लगातार नीतीश सरकार पर हमला कर रहा है। कांग्रेस ने पिछले दिनों कहा था कि नीतीश कुमार के राज में अपराध में बेतहाशा वृद्धि हुई है। अपराधियों का मनोबल सातवें आसमान पर है। राजद नेता शिवानंद तिवारी ने कहा था कि नीतीश कुमार ने पुलिस को भ्रष्टाचारी बना दिया है। पुलिस अब अपराध नियंत्रण छोड़ शराब पकड़ने में व्यस्त है। बेरोजगारी के कारण अपराध को लेकर लोगों में आकर्षण बढ़ा है। अपराधी तो अब विधायक भी बन रहे हैं और खुद मुख्यमंत्री उनका खड़े होकर स्वागत करते हैं। ऐसे में अपराध कहां से कंट्रोल होगा। पुलिस मुख्यालय ने जारी किये थे अपराध के आंकड़े दिसम्बर के पहले सप्ताह में पुलिस मुख्यालय ने वर्ष 2020 का क्राइम रिकॉर्ड जारी किया था। इसमें जनवरी से सितंबर तक के आंकड़ों का औसत और अक्टूबर, 2020 के अपराध के आंकड़े अलग से जारी किए गए थे। जारी आंकड़ों के अनुसार, इस साल पिछले 9 महीने यानी जनवरी से सितंबर के मुकाबले अक्टूबर में संज्ञेय अपराध में 3.12 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। जनवरी से सितंबर तक कुल संज्ञेय अपराध 21,419 हुए जबकि अक्टूबर 2020 में 22,068 केस दर्ज हुए। संगीन अपराधों में हत्या, डकैती, लूट, दंगा, रेप, रोड डकैती और लूट में तो कमी आई थी लेकिन जनवरी से सितंबर के मुकाबले अपहरण और फिरौती के लिए अपहरण की घटनाओं में बढ़ोत्तरी हुई है। हिन्दुस्थान समाचार/राजीव रंजन-hindusthansamachar.in