राजस्थान व मिजोरम में चुनाव संभव तो बीटीसी में क्यों नहीं- चंदन ब्रह्म
राजस्थान व मिजोरम में चुनाव संभव तो बीटीसी में क्यों नहीं- चंदन ब्रह्म

राजस्थान व मिजोरम में चुनाव संभव तो बीटीसी में क्यों नहीं- चंदन ब्रह्म

चिरांग (असम), 20 सितम्बर (हि.स.)। कोरोना संक्रमण के बावजूद राजस्थान में पंचायत और मिजोरम में विलेज काउंसिल के चुनाव आयोजित किये जा सकते हैं तो, बीटीसी में चुनाव क्यों नहीं हो सकता? यह सवाल असम सरकार के मंत्री व बीपीएफ के नेता चंदन ब्रह्म ने उठाया है। ज्ञात हो कि बीटीसी प्रशासन का कार्यकाल समाप्त होने के बाद राज्यपाल शासन लगाया गया है। बीटीसी की पूर्व सत्ताधारी पार्टी बीटीसी का चुनाव कराने की लगातार मांग कर रही है। वहीं असम सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने इसका विरोध किया है। उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण बीटीसी में परिषदीय चुनाव को रद्द करने को लेकर राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा चुनाव आयोग को लिखित रूप से एक आवेदन प्रेषित किया गया है। इस बारे में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ हिमंत विश्वशर्मा द्वारा जानकारी देने के बाद असम के पर्यटन आदि मामलों के मंत्री चंदन ब्रह्म ने कहा कि बीटीसी में चुनाव के आयोजन पर फैसला करने के लिए चुनाव आयोग पर निर्भर होना पड़ता है। बीटीसी में चुनाव का आयोजन होगा या नहीं होगा यह चुनाव आयोग पर निर्भर है। हालांकि, चुनाव नहीं होने चलते बीटीसी में विकास की गति ठप हो गयी है। इलाके का तीव्र विकास के लिये बीटीसी का जल्द से जल्द चुनाव करना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि अगर चुनाव आयोग कोरोना महामारी में राजस्थान में पंचायत चुनाव और मिजोराम ग्राम सभा का चुनाव करा सकती है तो इसमें कोई कारण नहीं है कि बीटीसी में चुनाव नहीं हो सकता हैं। असम के कैबिनेट मंत्री चंदन ब्रह्म ने चिरांग जिला के कदमतले में कामतापुर स्वायत्तशासी परिषद के गठन पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की है। छ्ह समुदायों के जनजातिकरण के संबंध में संवाददाताओं द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में मंत्री ब्रह्म ने कहा कि मंत्रियों के समूह की एक बैठक इस महीने के अंत में होगी और केंद्र सरकार छह समुदाय के जनजातिकरण के मुद्दे पर अंतिम निर्णय लेगी। इस मुद्दे पर विभिन्न जिलों हजारों लोग आयोजित बैठक में शामिल हुए थे। उक्त बैठक में सदौ कोच राजवंशी छात्र संस्था (आक्रासू) के महासचिव गोकुल बर्मन ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हग्रामा नेतृत्वाधीन बीटीसी सरकार कोच राजवंशी जनगोष्ठी के जनजातिकारण के संदर्भ में हाल ही में राज्य सरकार तथा केंद्र सरकार को एनओसी प्रदान किया है यदि नई कोई पार्टी परिषद में सरकार बनाती है तो यह उचित नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि कार्बी आंग्लांग और डिमासा में रहने वाले बोड़ो लोगों को आज तक जनजाति का दर्जा नही मिला है। जनजाति के मुद्दे पर आक्रासू में बीटीसी में पुनः हग्रामा महिलारी की सत्ता का हिमायती है। हिन्दुस्थान समाचार /देबोजानी/ अरविंद-hindusthansamachar.in

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