मोरीगांव में नये कृषि कानून का विरोध
मोरीगांव में नये कृषि कानून का विरोध

मोरीगांव में नये कृषि कानून का विरोध

मोरीगांव (असम), 03 दिसम्बर (हि.स.)। केंद्र सरकार के पूरे देश में लागू किए गए नये कृषि कानून को लेकर पंजाब के साथ ही यहां के कुछ छिटपुट संगठन भी विरोध में अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। इस कड़ी में मोरीगांव जिला शहर में नये कानून को वापस करने की मांग को लेकर कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस) ने विरोध प्रदर्शन किया। मोरीगांव जिला के बिहुतली परिसर में केएमएसएस की ओर से नये किसान बिल का विरोध किया गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने भाजपा सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली में विरोध कर रहे किसानों की बातों को सरकार से मानने की मांग, नये किसान को वापस लेने, ईआईए को रद्द करने आदि की मांग की। धरना स्थल पर प्रदर्शनकारियों ने केंद्र और राज्य सरकार को जनता की विरोधी सरकार बताते हुए इसे व्यापारियों की सरकार करार दिया। केएमएसएस ने व्यापारियों को फायदा पहुंचाने की रणनीति को बंद करने तथा किसानों की ज्वलंत समस्याओं का समाधान करने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार अपने फैसले को वापस नहीं लेती है तो पंजाब की तरह असम में भी सदिया से धुबरी तक राज्यवासियों के सहयोग से आंदोलन शुरू किया जाएगा। विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम में केएमएसएस के जिला सचिव देवजीत पातर, सदौ असम कृषक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष तुलसी डेका, केएमएसएस के पूर्व अध्यक्ष रातुल हजारिका के साथ केएमएसएस की अनुसांगिक इकाई छात्र मुक्ति संग्राम समिति के काफी संख्या में कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। उल्लेखनीय है कि केएमएसएस को सरकार से सभी तरह के फैसलों का विरोध करने के लिए जाना जाता है। हिन्दुस्थान समाचार/ अरविंद/रामानुज-hindusthansamachar.in

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