टाइगर रिजर्व से सटे हुए अटैचमेंट क्षेत्र अवैध कबजा हटाने के फैसले का विरोध
टाइगर रिजर्व से सटे हुए अटैचमेंट क्षेत्र अवैध कबजा हटाने के फैसले का विरोध

टाइगर रिजर्व से सटे हुए अटैचमेंट क्षेत्र अवैध कबजा हटाने के फैसले का विरोध

काजीरंगा, 24 सितम्बर (हि.स.)। काजीरंगा टाइगर रिजर्व फारेस्ट से सटे अटैचमेंट क्षेत्र से अवैध कब्जे को हटाने के सररकार के फैसले का चाय जनजाति छात्र संस्था (आट्सा) ने कड़ा विरोध किया है। काजीरंगा नेशनल पार्क और टाइगर कंजर्वेशन 2,3,5 वी के अतिरिक्त घोषित क्षेत्र में अवैध रूप से कब्जा कर रहने वाले लोगों को बेदखल करने का सरकार के फैसले का आट्सा ने कड़ा विरोध किया है। संस्था ने मांग की है कि सरकार सबसे पहले अलग-अलग जनजाति लोग जो कि कई वर्षों से इन क्षेत्रों में रह रहे हैं, साथ में चाय जनजाति समूह को जमीन का पट्टा प्रदान करे। आटसा की शिकायत के अनुसार बाघ परियोजना के लिए संरक्षित इलाके में रह रहे लोगों की अर्जी न सुनकर गौहाटी उच्च न्यायालय ने सन 2015 में काजीरंगा के अतिरिक्त घोषित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को निष्कासित करने का आदेश जारी किया है। आट्सा ने मांग की है कि हाथीखुली चाय बागान में पहले लोगों से भरा हुआ गांव था। खेती-बारी कर जीविका निर्वाह करने वाले लोगों को भूमि का पट्टा देने के लिए विभिन्न संगठनों ने विभिन्न समय में मांग करते आए हैं बावजूद सरकार ने इस पर कोई ध्यान न देकर अतिक्रमण हटाओ अभियान आरंभ करने का निर्णय लिया है। इस बीच सरकार काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के 'बफर जोन" में रहने वाले 672 परिवारों में से लगभग 350 परिवारों को बिना मुआवजे के बेदखल कर करना चाहती है। आट्सा की मांग है कि पहले अटैचमेंट क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भूमि का अधिकार देकर मुआवजा दे, फिर उच्च न्यायालय के निर्देश का पालन कराए। ऐसा न होने पर आट्सा ने जोरदार आंदोलन की चेतावनी दी है। उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले ही आट्सा की बोकाखात समिति ने अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन प्रशासन के जरिए मुख्यमंत्री को प्रेषित किया है। हिन्दुस्थान समाचार /देबोजानी/ अरविंद-hindusthansamachar.in

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