जंगली हाथी के उपद्रव से बचने के लिए की गई सर्वधर्म प्रार्थना
नगांव (असम), 21 नवम्बर (हि.स.)। राज्य में जंगली हाथी और इंसानों के बीच संघर्ष की घटनाएं कोई नई नहीं है। आए दिन जंगली हाथी और मनुष्यों के बीच संघर्ष की घटनाएं सामने आती हैं। वहीं जंगली हाथी के हमले में अब तक काफी लोगों को जान भी गंवानी पड़ी है। हाथी और मनुष्यों के बीच संघर्ष न हो इसके लिए नगांव और कार्बी आंग्लांग जिला के सीमावर्ती इलाका हाथीखुली रहांग गांव में हाथीबंधु नामक गैर सरकारी संगठन और सापानाला के प्राकृतिक प्रेमी विनोद दुलू बोरा और उनकी पत्नी मेघना मयूर हजारिका द्वारा 200 बीघा में धान की खेती और 400 बीघा में कुंभी, गागर, नींबू, नेपियार घास लगायी गयी थी। इन प्रयासों से जंगली हाथी किसानों की फसलों के नुकसान नहीं पहुंचाया। जिसकी वजह से किसानों की फसल इस बार बर्बाद नहीं हुई है। इस बार जंगली हाथी रिहायशी इलाकों में प्रवेश नहीं किये। किसान अच्छी फसल होने से बेहद प्रसन्न हैं। स्थानीय लोगों ने शनिवार को इलाके में सर्वधर्म प्रार्थना कर ईश्वर का धन्यवाद किया। हिन्दुस्थान समाचार/ असरार/ अरविंद-hindusthansamachar.in