कोरोना के कारण शक्तिपीठ कामाख्या धाम में श्रद्धालुओं के देवधानी उत्सव भाग लेने पर रोक
कोरोना के कारण शक्तिपीठ कामाख्या धाम में श्रद्धालुओं के देवधानी उत्सव भाग लेने पर रोक

कोरोना के कारण शक्तिपीठ कामाख्या धाम में श्रद्धालुओं के देवधानी उत्सव भाग लेने पर रोक

गुवाहाटी, 11 अगस्त (हि.स.)। राजधानी के निलाचल पहाड़ पर स्थित ऐतिहासिक कामाख्या मंदिर में पहली बार कोरोना महामारी के चलते सदियों पुरानी देवधानी उत्सव में श्रद्धालुओं के आने पर प्रतिबंध लगाया गया है। सिर्फ परंपरागत रीति नीति का पालन कर देवधानी उत्सव मनाया जाएगा। करोना संक्रमण और मौजूदा स्थिति को देखकर कामाख्या देवालय प्रबंधन समिति ने देवालय को बंद रखने का फैसला किया है। उल्लेखनीय है कि 17 अगस्त से मनसा पूजा से उत्सव शुरू होगा। ज्ञात हो कि देवधानी उत्सव मनसा पूजा के अवसर पर मनाया जाता है। कामाख्या देवालय के दोलोई मोहित शर्मा ने बताया है कि इस उत्सव में लाखों श्रद्धालुगण कामाख्या के दर्शन करने के लिए आते हैं। इस बार तीर्थ यात्रियों को कामाख्या धाम में आने की सख्त मनाही है। साथ ही आसपास के पर्यटकों को भी यहां आने पर रोक लगा दी गई है। यह निर्णय कोरोना के चलते लिया गया है। उल्लेखनीय है कि निलाचल पहाड़ पर स्थित विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ कामाख्या धाम में मनसा पूजा के अवसर पर देवधानी उत्सव मनाया जाता है। यह उत्सव कामाख्या धाम का एक प्रमुख उत्सव है। यह त्योहार असमिया पंचांग के तहत श्रावण महीने के अंतिम दिन और भादो महीने के पहले दिन मनाया है। उत्सव के दौरान एक परंपरागत नृत्य होता है। जिसमें देवधा धारधार अस्त्र लेकर नृत्य करते हैं। एक महीने के कठिन व्रत के बाद देवधा देवधानी नृत्य करते हैं। हिन्दुस्थान समाचार /देबोजानी/ अरविंद-hindusthansamachar.in

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