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भाजपा में जाति और धर्म को लेकर कोई भेदभाव नहीं- जमाल सिद्दीकी

गुवाहाटी, 27 फरवरी (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने कहा है कि भाजपा में जाति, धर्म आदि के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है। पार्टी सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए मूल मंत्र को लेकर आगे बढ़ रही है। राजधानी के खानापाड़ा स्थित प्रदेश भाजपा के मीडिया कार्यालय में आयोजित एक पत्रकार सम्मेलन को शनिवार को संबोधित करते हुए भाजपा नेता सिद्दीकी ने पत्रकारों द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में ये बातें कही। मीडिया के एक सवाल, कि यदि भाजपा सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की बात करती है तो क्या असम विधानसभा चुनाव में अल्पसंख्यकों को भाजपा अपना उम्मीदवार बनाएगी। इस सवाल के जवाब में भाजपा नेता सिद्दीकी ने कहा कि भाजपा चुनाव में टिकट जाति, धर्म, भाषा, संप्रदाय आदि को देखकर नहीं देती है। चुनाव में योग्य उम्मीदवार को ही टिकट दिया जाता है। उन्होंने कहा कि यदि मुस्लिम समुदाय के योग्य उम्मीदवार सामने आते हैं तो पार्टी निश्चित ही उन्हें टिकट देगी। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में भाजपा नेता सिद्दीकी ने कहा कि भाजपा ने मुसलमानों के साथ कोई भेदभाव नहीं किया है। समान रूप से हिंदू-मुसलमान सभी को योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अन्य पार्टियां मुसलमानों को हमेशा ही वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल करती थी, लेकिन भाजपा ने ऐसा नहीं किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में देश के मुसलमान खुशहाल हुए हैं। यही वजह है कि भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा में बड़ी संख्या में मुसलमान देशभर में जुड़े हुए हैं और भी जुड़ रहे हैं। भाजपा को मुसलमानों का वोट नहीं चाहिए जैसा असम के एक मंत्री द्वारा दिए गए कथित बयान के विषय में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में भाजपा नेता ने कहा कि जो कोई भी यह बात कहता है यह उसकी व्यक्तिगत विचारधारा है। पार्टी इस बात से इत्तेफाक नहीं रखती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और एआईयूडीएफ असम के मुसलमानों को ढाल बनाकर भाजपा के खिलाफ चुनाव जीतने की कोशिश में हैं, लेकिन असम के मुसलमान भी यह समझ रहे हैं कि किस प्रकार कांग्रेस और एआईयूडीएफ उनका इस्तेमाल करती रही है। पत्रकार सम्मेलन में प्रदेश भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष मुख्तार हुसैन खान भी मौजूद थे। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि कांग्रेस और एआईयूडीएफ के साथ ही वामपंथी पार्टियों को मिलाकर हुए महागठबंधन की पूरी राजनीति राज्य के मुस्लिम मतदाताओं के इर्द-गिर्द टिकी हुई है। भाजपा सरकार के कार्यकाल में ऐसा देखा जा रहा है कि राज्य के असमिया मुसलमान और बंगाली मुसलमानों के बीच एक भेदभाव की स्थिति उत्पन्न हुई है। चुनाव के मौके पर भाजपा की कोशिश है कि असमिया तथा अन्य राज्यों के बिहारी, मारवाड़ी, गुजराती आदि मुसलमानों को भाजपा के साथ मिलाया जाए ताकि, महागठबंधन की राजनीति धराशाई हो जाए। भाजपा जहां ऊपरी असम में इसको लेकर अलग रणनीति पर कार्य कर रही है। वहीं, निचले असम में कुछ अलग। भाजपा पूरा का पूरा नहीं तो राज्य के मुसलमान वोटों का कुछ प्रतिशत अवश्य काटने की स्थिति में नजर आ रही है। कांग्रेस, एआईयूडीएफ वाले महागठबंधन की घोषणा होने के बाद से भाजपा की इस दिशा में सक्रियता बढ़ी हुई दिख रही है। हिन्दुस्थान समाचार/ श्रीप्रकाश/ अरविंद

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