मिसिंग जनगोष्ठी मनाया "आलि आईये लृगांग उत्सव"
शिवसागर (असम), 17 फरवरी (हि.स.)। प्रत्येक वर्ष फाल्गुन माह के पहले बुधवार को राज्य का मिसिंग समाज अपने प्रमुख जातीय उत्सव "आलि आईये लृगांग उत्सव" का आयोजन करता है। इस कड़ी में बुधवार को शिवसागर जिला के दिसांगमुख के विभिन्न इलाकों में परंपरा व उत्साह के साथ "आलि आईये लृगांग उत्सव" उत्सव का आयोजन किया गया। मिसिंग जनगोष्ठी द्वारा मनाया जाने वाला जातीय उत्सव "आलि आईये लृगांग" कृषि से संबंधित है। उल्लेखनीय है कि आरंभ में फाल्गुन या बोहाग (बैशाख) माह में किसी एक दिन इस उत्सव का पालन किया जाता था। हालांकि, वर्ष 1956 में मिसिंग जनगोष्ठी के वृहत्तम आर्थिक-सामाजिक अनुष्ठान बाने कोवांग (तत्कालीन समय में इसका नाम नाने कोवांग था) आलि आईये लृगांग उत्सव को फाल्गुन माह के पहले बुधवार को आयोजित करने का प्रस्ताव पेश किया। उसके बाद से यह उत्सव प्रत्येक वर्ष फाल्गुन माह के पहले बुधवार को आयोजित किया जाता है। इस उत्सव के अवसर पर आज परंपरा की रक्षा के लिए दिसांगमुख के आफला गांव के निवासी एक साथ मिलकर आलि आईये लृगांग का आयोजन किया जिसमें लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस दौरान मिसिंग परंपरा के अनुसार सभी कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। गुमराक नृत्य के साथ ही अन्य कई तरह से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। हिन्दुस्थान समाचार/ अरविंद-hindusthansamachar.in