बीपीएफ के आने से महागठबंधन हुआ मजबूत: कांग्रेस
गुवाहाट, 28 फरवरी (हि.स.)। असम प्रदेश कांग्रेस (एपीसीसी) के अध्यक्ष रिपुन बोरा ने कहा कि बोड़ोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) के साथ आने से कांग्रेस नेतृत्वाधीन महागठबंधन काफी मजबूत हो गया है। बोरा ने ये बातें महागठबंधन की ओर से रविवार को यहां संयुक्त रूप से आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहीं। एपीसीसी के अध्यक्ष बोरा ने कहा कि हम महागठबंधन में बीपीएफ का स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा, हमारे साथ पुराने मित्र के आने से कांग्रेस नेतृत्वाधीन महागठबंधन की ताकत और बढ़ गई है। कहा कि असम का भाग्य बेहतर और बदलने वाला है। साथ ही यह कहा कि जिस तरह से कई सहायक नदियां एक मजबूत नदी बनाने के लिए एक साथ जुड़ती हैं उसी तरह कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन को मजबूत बनाने के लिए बीपीएफ, एजीएम, एआईयूडीएफ, सीपीआई, सीपीआई (एम), और सीपीआई (एमएल) का साथ मिला है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की ओर से चलाए जा रहे असम बचाओ आहक यात्रा का राज्य भर में बड़े पैमाने पर प्रभाव पड़ा है। राज्य में बदलाव की हवा बह रही है। और, हमारे दोस्त, बीपीएफ के साथ आने से स्थिति और बदल गयी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को बीपीएफ के साथ साझेदारी करने पर गर्व है। हम तेजी से, मजबूत, उच्चतर लक्ष्य हासिल करेंगे। असम के लोगों के लिए कांग्रेस 02 मई, 2021 को सत्ता में वापस आ रही है। असम के हर कोने में, विश्वास का मतलब कांग्रेस है और हम नए विश्वास के लिए आभारी हैं जो बीपीएफ के हग्रामा मोहिलारी ने कांग्रेस में दिखाया है। बीपीएफ ने अतीत में स्वदेशी भूमि की अखंडता पर जोर देने की कोशिश की है, केवल इसी के लिए सत्ताधारी पार्टी द्वारा उन्हें छोड़ दिया गया है। बीपीएफ ने बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र में अपना गढ़ बनाए रखा है जिसने 2016 के विधानसभा चुनावों में 12 सीटें जीती थीं। 2021 के चुनावों में बीपीएफ ने स्पष्ट रूप से कांग्रेस की दिशा में हवा बहते देख रही है। मैं मानता हूं कि बोडोलैंड के लोगों की बेहतरी के लिए, उन्हें जीतने वाले गठबंधन का हिस्सा होना चाहिए। बीपीएफ के अध्यक्ष हग्रामा मोहिलारी ने कहा कि असम के लोग बड़े पैमाने पर महंगाई और बेरोजगारी से जूझ रहे हैं। इसके साथ ही, असंवेदनशील भाजपा सरकार जनविरोधी सीएए कानून लागू कर रही है। लोग इतने तंग आ चुके हैं कि वे असम बचाओ आहक का अब जाप कर रहे हैं। मैं भी मानता हूं कि कांग्रेस असम को बेहतर शासन दे सकती है। इसलिए बीपीएफ कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन में शामिल हो गयी। क्योंकि, बोडोलैंड के लोगों की ओर से इसकी मांग उठ रही थी। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के सचिव अनिरुद्ध सिंह ने दृढ़ता से कहा, "महागठबंधन का विचार असम की विविधता का प्रतिनिधित्व करना है। कांग्रेस इस मिशन में बीपीएफ का स्वागत करती है। संयुक्त रूप से हम साथ खड़े हैं, क्योंकि बीपीएफ कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन में शामिल हो गयी है। असम के लोगों की आकांक्षाएं एक महागठबंधन सरकार के रूप में आवाज उठा रही है। बीपीएफ भी इस बात से सहमत है कि राज्य का नेतृत्व करना, शांति बनाए रखना और समृद्धि लाने का काम कांग्रेस पार्टी ही कर सकती है। कांग्रेस ने कहा है कि साम्प्रदायिक राजनीति से लड़ने के लिए कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन के सभी सदस्य एकजुट रूप से संवाददाता सम्मेलन में मौजूद थे। एपीसीसी को भरोसा है कि, असम की जनता कांग्रेस पार्टी की सहानुभूति-मुहिम को स्वीकार करेगी। असम विधानसभा चुनाव 2021 में अपनी विशिष्ट पहचान के मद्देनजर कांग्रेस फिर से सत्ता पर काबित होगी। इस मौके पर महागठबंधन के सभी पार्टियों के नेता मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि बीटीसी में भाजपा ने बीपीएफ को छोड़कर यूपीपीएल के साथ गठबंधन कर लिया है। बीटीसी चुनावों में ही भाजपा ने बीपीएफ का साथ छोड़ दिया था। बावजूद बीपीएफ को यह लग रहा था कि विधानसभा चुनाव में भाजपा फिर से उसके साथ गठबंधन करेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अंत समय तक बीपीएफ के अध्यक्ष मोहिलारी भाजपा की ओर नजरें लगाए रहे लेकिन जब कोई आश्वासन नहीं मिला तो उन्होंने कांग्रेस वाले महागठबंधन में जाने का फैसला कर लिया। हालांकि, महिलारी पहले भी कांग्रेस का हिस्सा रह चुके हैं। हर बार बीपीएफ अपनी शर्तों पर पार्टियों का चुनाव करती थी, लेकिन इस बार न चाहते हुए भी कांग्रेस के साथ जाना पड़ा है। अब देखना है कि बीटीसी इलाके की 12 सीटें बीपीएफ को महागठबधन छोड़ती है या नहीं। अगर कांग्रेस ने कुछ सीटें मांग ली तो महागठबंधन में दरार की नौबत उत्पन्न हो जाएगी। हिन्दुस्थान समाचार / अरविंद