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पर्यटकों के लिए गोलाघाट और नगांव में बनेंगे हेलीपैड; खरीदे जाएंगे सैटेलाइट फोन

गोलाघाट (असम), 27 मई (हि.स.)। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा गुरुवार को काजीरंगा में आने वाली बाढ़ से उत्पन्न होने वाले संभावित समस्याओं और इस संबंध में विशेष योजनाओं पर चर्चा करने के लिए पहुंचे थे। कजीरंगा के कंहरा स्थित बरगस नामक रिसोर्ट के बैठक कक्ष में मुख्यमंत्री ने वन्यजीव संरक्षण, शिकार रोकने और बाढ़ के हालात, आसपास के लोगों के विकास जैसे मुद्दों पर काजीरंगा के पास पांच जिलों के उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों के अलावा वरिष्ठ वन अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया। चर्चा के दौरान वन मंत्री परिमल शुक्लबैद्य कृषि मंत्री अतुल बोरा और स्वास्थ्य मंत्री केशव महंत भी मौजूद थे। चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में बाढ़ की स्थिति से निपटने, शिकार रोकने और स्थानीय लोगों के समग्र विकास के लिए कुछ महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए। मुख्यमंत्री द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में मुख्य रूप से काजीरंगा में गैंडों की हत्या को रोकने के लिए पहले से गठित विशेष टास्क फोर्स को और मजबूत करने के लिए बल के शीर्ष पर एक डीजीपी, एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और एक पुलिस उपाधीक्षक की नियुक्ति के निर्देश दिए। साथ ही राज्य के वनों में कार्यरत वनकर्मियों को दिए जाने वाले 840 रुपये के मासिक राशन को 2 से 3 दिनों के भीतर बढ़ाकर दो हजार रुपये करने को कहा। मुख्यमंत्री ने वन विभाग को निर्देश दिया कि काजीरंगा में गैंडों की हत्या को रोकने के लिए संचार तंत्र को और मजबूत करने के लिए तत्काल 10 सेटेलाइट फोन और अधिक बेहतर राइफलें खरीदें और मंदाकाटा प्रशिक्षण केंद्र में वन सुरक्षा बलों को उच्च प्रशिक्षण प्रदान किया जाए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को काजीरंगा से सटे गांवों में एक सप्ताह के अंदर कोविड वैक्सीन प्रदान करने और गांवों के पालतू पशुधन को आवश्यक प्रतिरोधक टीका देने का पशु चिकित्सा विभाग के निर्देश दिया। चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने काजीरंगा के आसपास के ग्रामीणों को गांवों के विकास के लिए दीर्घकालिक योजना तैयार करने की सलाह दी और कृषि मंत्री अतुल बोरा, स्वास्थ्य मंत्री केशव महंत और वन मंत्री परिमल शुक्लबैद्य को मिलाकर तीन सदस्यीय समिति का गठन किया। उन्होंने समिति को आसपास के गांवों के विकास के लिए दीर्घकालिक योजना तैयार करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में सभी रिक्त पदों को जल्द भरने और काजीरंगा में ड्यूटी ज्वाइन नहीं करने पर काजीरंगा भेजे गए वनकर्मियों पर उचित कार्रवाई करने के निर्देश वन विभाग को दिए। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को हुई चर्चाओं में वन विभाग को निर्देश दिया कि वह काजीरंगा के लंबे समय से चल रहे पशु गलियारे की पहचान कर उसे अंतिम रूप दे। मुख्यमंत्री ने चर्चा के दौरान संबंधित विभाग को काजीरंगा में पर्यटन के विकास के लिए गोलाघाट और नगांव जिलों में हेलीपैड बनाने और देशी-विदेशी पर्यटकों की सुविधा के साथ-साथ असम सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर गेस्ट हाउस बनाने की योजना शुरू करने का भी निर्देश दिया। असम सरकार के प्रवक्ता व स्वास्थ्य मंत्री केशव महंत ने चर्चा के अंत में संवाददाता सम्मेलन में मीडिया के सामने चर्चा के बिंदुओं को साझा किया। हिन्दुस्थान समाचार/ अरविंद

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