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विहिप गोरक्षा केंद्रीय मंत्री व पूर्वोत्तर प्रभारी से गोप्रेमी प्रतिनिधियों ने की मुलाकात

-पूर्वोत्तर में गो संवर्धन व संरक्षण को लेकर किये जा रहे प्रयासों पर हुई चर्चा गुवाहाटी, 20 फरवरी (हि.स.)। गुवाहाटी के विश्व हिन्दू परिषद कार्यालय पाञ्चजन्य भवन में दिल्ली से विहिप राष्ट्रीय गोरक्षा आंदोलन समिति के सह संयोजक अधिवक्ता शशांकधर शेखर एवं त्रिपुरा के ध्यान फाउंडेशन के गोसेवा केंद्र प्रमुख लता अय्यर ने विहिप गोरक्षा केंद्रीय मंत्री व पूर्वोत्तर क्षेत्र प्रभारी उमेश चंद्र पोरवाल से शनिवार को मुलाकात की। इस दौरान दोनों प्रतिनिधियों ने शोणितपुर जिला मुख्यालय तेजपुर शहर में गत 18 फरवरी को ग्रामीणों एवं ध्यान फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं द्वारा अवैध रूप से चल रहे पशु वधशाला (स्लाटर हाउस) को प्रशासनिक व असम गोवंश संरक्षण कानून 1950 एक्ट के तहत बंद कराए जाने की जानकारी दी। साथ ही इस मामले में उचित कानूनी कार्रवाई हो इसकी मांग उठायी। उमेश चंद्र पोरवाल से मुलाकात के दौरान दोनों प्रतिनिधियों ने ध्यान फाउंडेशन द्वारा पूर्वोत्तर क्षेत्र में गोरक्षा, गोसेवा, गो संरक्षण का कार्य असम एवं त्रिपुरा में किस तरह से चल रहा है इससे उन्हें अवगत कराया। साथ ही बताया कि गो ज्ञान फाउंडेशन के सदस्यों द्वारा पुलिस के सहयोग से तेजपुर में पशु वधशाला बंद कराया गया, जिसमें छोटे-बड़े कई गोवंशों को कानून के उल्लंघन में खुलेआम काटकर ग्राम पंचायत की मंडी में बेचा जा रहा था। उन्होंने इस मामले में सही कानूनी कार्रवाई पर जोर दिया ताकि गो तस्करी एवं गो हत्या करने पर लगाम लग सके। पोरवाल ने दोनों गोप्रेमियों को फुलाम गमछा व गो साहित्य भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने बताया गोवंश के विकास व संवर्धन के तहत 04 नवम्बर, 2020 को विहिप गोरक्षा के भारतीय गोवंश रक्षण संवर्धन परिषद द्वारा मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल को एक ज्ञापन सौंपा गया है जिसमें प्रदेश के 33 जिलों के 1994 गांवों से 4568 सामाजिक व धार्मिक संस्थानों, मंदिरों के प्रमुखों के हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन में असम के 1950 के कानून में संशोधन कर उसे और कठोर बनाये जाने की मांग की गयी है ताकि गोवंश हत्या पर पूरी तरह रोक लगायी जा सके और अन्य राज्यों की तरह असम में गो सेवा आयोग बनाने। सीमांत क्षेत्रों में पकड़े गए गोवंश को रखने की खातिर जिला परिषद के द्वारा एक हजार गोवंश क्षमतायुक्त परिसर बनाने की मांग भी ज्ञापन में शामिल है। गोशाला व गोपालकों द्वारा निर्मित उत्पादों के लिए अनुदान की व्यवस्था, गो निर्मित पंचगव्य उत्पादों को कर मुक्त करने, गोशाला के लिए जमीन पंजीकरण के लिए स्टाम्प डयूटी माफ करने, देशी गायों के संरक्षण व संवर्धन के लिए किसानों प्रोत्साहित किये जाने आदि मांगें भी ज्ञापन में शामिल हैं। उन्होंने बताया कि राज्यपाल से समय मिलते ही उनको भी गोवंश के विकास के लिए हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन प्रेषित किया जायेगा। इस मौके पर लता अय्यर ने बताया कि त्रिपुरा राज्य में अभी गोवंश के लिए कोई कानून नहीं बना है। शशांकधर शेखर ने बताया कि हमने दो साल पहले प्रयास किया था जब ध्यान फाउंडेशन के द्वारा बीएसएफ द्वारा बचाये गये गोवंशों के मुकदमों के संबंध में मैं वहां पहुंचा था। त्रिपुरा में गोवंशों के संरक्षण के लिए एक बार पुनः प्रयास कर गोवंश विकास के लिए शीघ्र कानून बनाने के लिए प्रयास होने चाहिए। पोरवाल ने कहा की एक साथ सभी संगठनों एवं समाज के सभी वर्गों के लोगों को इसके लिए प्रयास करना चाहिए। हिन्दुस्थान समाचार/ अरविंद

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