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असम के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ बर्मन पंचतत्व में विलीन

- कांग्रेस के वरिष्ठ नेता की राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि क्रिया हुई संपन्न नलबारी (असम), 20 अप्रैल (हि.स.)। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ भूमिधर बर्मन का पार्थिव शरीर मंगलवार को दोपहर बाद पंचतत्व में विलीन हो गया। डॉ बर्मन का निधन रविवार की शाम को गुवाहाटी के दिसपुर अस्पताल में हुआ था। नलबाड़ी के जन नेता के रूप में विख्यात डॉ बर्मन को स्थानीय लोगों ने अश्रुपूर्ति अंतिम विदाई दी। उनकी अंत्येष्टि पूरे राजकीय सम्मान के साथ हुई। अंतिम विदाई के मौके पर राज्य के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनवाल, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रंजीत दास, राज्य के परिवहन मंत्री चंद्रमोहन पटवारी, भाजपा के विधायक प्रशांत फुकान के साथ असम प्रदेश कांग्रेस (एपीसीसी) अध्यक्ष रिपुन बोरा, सांसद अब्दुल खालेक, बरखेत्री के विधायक नारायण डेका, विधानसभा नेता प्रतिपक्ष देवब्रत सैकिया, एपीसीसी के वरिष्ठ नेता रकीबुल हुसैन, एपीसीसी नेता रातुल पटवारी, एपीसीसी सचिव प्रद्युत कुमार भूईंया आदि गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। अंत्येष्टि कार्यक्रम के दौरान नलबारी जिला उपायुक्त पूरवी कोंवर, जिला पुलिस अधीक्षक अमनजीत कौर के साथ हजारों शुभचिंतक उपस्थित आदि उपस्थित थे। प्रिय नेता को अंतिम श्रद्धांजलि देने का सिलसिला उनके निवास स्थान सिंगीमारी में रात से ही आरंभ हुआ। जो मंगलवार को दिन के 11.30 बजे तक चलता रहा। फूलों से सजाई गये वाहन पर पूर्व मुख्यमंत्री के पार्थिव शरीर को रखकर धीमी गति भगत राम तालाब के किनारे लगाया गया। तालाब के किनारे भी श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा रहा। इस मौके पर डॉ बर्मन के पूरे परिवार के साथ ही कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भी अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की। डॉ बर्मन के कार्यों को याद करते हुए पक्ष हो या विपक्ष सभी ने उनकी सराहना की। पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा इलाके में किए गए सामाजिक कार्यों की लोगों ने सराहना करते हुए उन्हें सच्चा जननेता करार दिया। असम के मुख्यमंत्री 12 बजे पहुंचकर उनके अंतिम संस्कार के समय नतमस्तक होकर उनके पार्थिव शरीर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए नमन किया। मुखाग्नि होने सोनोवाल वहीं पर मौजूद रहे। बड़े-बड़े अधिकारी डॉ बर्मन के साथ किये गये अपने कार्यों को साझा करते देखे गये। डॉ बर्मन को मुखाग्नि उनके पुत्र दिगंत बर्मन ने दिया। इस मौके पर पुलिस जवानों द्वारा हवाई फायरिंग कर सलामी दी गयी। डॉ भूमिधर बर्मन को उनके माता-पिता की समाधि के दक्षिण क्षोर पर चिता सजाई गयी थी। वहीं डॉ बर्मन द्वारा लगाए गए चंदन के पेड़ की लकड़ी से उनकी चिता सजाई गयी। इस मौके पर स्थानीय पूर्व कांग्रेसी विधायक व पूर्व मंत्री नीलमणि सेन डेका ने बर्मन के निधन के संबंध में कहा कि असम ने अपना एक अभिभावक खो दिया है। उन्होंने डॉ बर्मन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उनके बताए गए मार्गों पर चलने का आह्वान किया। साथ ही कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भीष्म पितामह की तरह कांग्रेस को ऑक्सीजन देने का काम करते थे। कांग्रेस ने अपना एक जगमगाता सितारा खो दिया है। हिन्दुस्थान समाचार/ अरविंद

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