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डिब्रूगढ़ विवि की अनियमितताओं की जांच के लिए उच्च-स्तरीय जांच समिति का गठन

गुवाहाटी, 24 फरवरी (हि.स.)। असम के राज्यपाल प्रो जगदीश मुखी सह कुलाधिपति ने डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय के कुलपति (निलंबित) प्रो रंजीत कुमार तमुली द्वारा कथित रूप से बरती गई अनियमितताओं की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया है। तीन सदस्यीय जांच समिति का नेतृत्व गौहाटी उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश डॉ इंदिरा शाह अध्यक्ष के रूप में करेंगी। समिति अन्य दो सदस्यों में गौहाटी विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के प्रो एमपी बेजबरुवा सदस्य सचिव और असम के प्रिंसिपल महालेखाकार असम के वरिष्ठ लेखा अधिकारी (सेवानिवृत्त) दिलीप कुमार दत्ता के सदस्य के रूप में शामिल हैं। समिति वित्तीय लेनदेन और वित्तीय प्रशासन, भ्रष्टाचार के आरोप, अनुशासनहीनता के आरोप, धन के दुरुपयोग के आरोप और पिछले पांच वर्षों में विश्वविद्यालय की शक्तियों के दुरुपयोग के आरोपों की जांच करेगी। गठित समिति डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ, डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय अधिकारी संघ, डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ और लाहोवाल के विधायक से राज्यपाल को प्राप्त शिकायतों और इस पर गठित दो सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की रिपोर्ट पर भी ध्यान केंद्रित करेगी। राज्यपाल के अनुसार डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय के प्रबंधन के सभी पहलुओं, विशेष रूप से पिछले पांच वर्षों के वित्तीय मामलों को जांच के दायरे में लाया जाना चाहिए। राज्यपाल ने विभिन्न जनप्रतिनिधियों और संगठनों पर कथित वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के परिणामस्वरूप भी प्रो तामुली से रिपोर्ट मांगी। तत्पश्चात, प्रो रंजीत तमुली द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन कुलाधिपति द्वारा किया गया था। ज्ञात हो कि इस मामले में राज्यपाल द्वारा फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के गठन के साथ ही डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रंजीत कुमार तामुली को निलंबित कर दिया गया। वहीं वरिष्ठ प्रो आरआर यादव को डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय का अस्थायी रूप से कुलपति का प्रभार सौंपा गया है। उल्लेखनीय है कि फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी द्वारा प्रस्तुत की गई रिपोर्ट और रिकॉर्ड पर उपलब्ध तथ्यों और सामग्रियों पर विचार करने के बाद, राज्यपाल ने एक उच्च स्तरीय जांच समिति द्वारा विस्तृत जांच का निर्णय लिया है। हिन्दुस्थान समाचार/ अरविंद

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