army-handed-over-ulfa-self-leader-jeevan-moran-to-police
army-handed-over-ulfa-self-leader-jeevan-moran-to-police

उल्फा (स्व) नेता जीवन मोरान को सेना ने पुलिस को सौंपा

डिब्रूगढ़ (असम), 29 अप्रैल (हि.स.)। प्रतिबंधित संगठन उल्फा (स्वाधीन) के स्वयंभू सेनाध्यक्ष परेश बरुवा के करीबी उल्फा नेता जीवन मोरान उर्फ गुन डाडरिया को अरुणाचल प्रदेश के सीमा से देउमाली होते हुए जयपुरे के रास्ते डिब्रूगढ़ पुलिस काफी सुरक्षा व्यवस्था के बीच ले आई। असम पुलिस के नामरूप उप पुलिस अधीक्षक कुलप्रदीप भट्टाचार्य ने सेना के से जीवन मोरान को अपने जिले में लेकर काफी सुरक्षा व्यवस्था के बीच डिब्रूगढ़ के लिए रवाना हो गई। जीवन मोरान की पुलिस डिब्रूगढ़ में सबसे पहले स्वास्थ्य जांच करेगी। उसके बाद असम पुलिस के गेस्ट हाउस में उससे साथ पूछताछ की प्रक्रिया शुरू होगी। ज्ञात हो कि बढ़ती उम्र और कई तरह की बीमारी से ग्रस्त होने के बाद जीवन मोरान को संगठन छोड़ने की सलाह उल्फा (स्व) द्वारा दिया गया था। जिसके बाद वह मुख्यधारा में लौटा आया है। जीवन मोरान द्वारा संगठन को छोड़ने से उल्फा (स्व) काफी कमजोर हो गया है। ज्ञात हो कि जीवन मोरान असम में उल्फा (स्व) के लिए कई हिंसक घटनाओं का नेतृत्व किया है। उसकी तलाश सुरक्षा बलों को लंबे समय से थी। कई बार वह पुलिस व सुरक्षा बल के ट्रैप में फंसा लेकिन हर बार वह निकल भागने में सफल होता रहा है। परेश बरुवा के बाद जीवन मोरान एक शक्तिशाली उल्फा (स्व) का कैडर माना जाता रहा है। जीवन मोरान वर्ष 1990 में परेश बरुवा के साथ स्वाधीन असम का सपना देख उल्फा (स्व) में शामिल हुआ था। बीते 37 वर्ष उल्फा (स्व) में रहने के बाद जीवन मोरान बढ़ती उम्र और विभिन्न तरह की गंभीर बीमारी की वजह से उल्फा (स्व) को छोड़कर घर लौटने की उसने चाल चली है। अब देखना होगा कि सुरक्षा बल उससे पूछताछ कर क्या-क्या राज उगरवाती है। हिन्दुस्थान समाचार /असरार/ अरविंद

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in