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शिव दौल में तीसरे दिन भी श्रद्धालुओं की उमड़ी भारी भीड़

शिवसागर (असम), 12 मार्च (हि.स.)। यहां शहर स्थित ऐतिहासिक शिव दौल (शिव मंदिर) में महाशिवरात्रि के अवसर पर आयोजित उत्सव के तीसरे दिन शुक्रवार को भी भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी हुई है। शिव दौल के बाहर सुबह से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतार लग गयीं थी। राज्य के विभिन्न हिस्सों से शिव दौल में जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुगण हर साल यहां पर पहुंचते हैं। बीती रात 9.39 बजे से आरंभ महाशिवरात्रि लग्न शुक्रवार को दोपहर बाद तक रहने वाली है। यही कारण है कि इस शुभ मुहुर्त में श्रद्धालु भगवान शंकर की पूजा-अर्चना करने के लिए उमड़े हुए हैं। शिव दौल में महाशिवरात्रि का आयोजन गत बुधवार को आरंभ हुआ था। महाशिवरात्रि महोत्सव का समापन शनिवार को होगा। शिव दौल की प्रतिष्ठाकाल से ही महाशिवरात्रि के दिन विशेष पूजा का विधान है। महाशिवरात्रि के अवसर पर शिव दौल के परिसर के चारों ओर एक बड़े मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले में राज्य के साथ ही दूसरे राज्यों से भी बड़ी संख्या में विक्रेता अपने सामानों को बेचने के लिए पहुंचते हैं। महाशिवरात्रि उत्सव के मद्देनजर शिवसागर के दलमुख चाराली में चार दिनों तक शाम के समय विभिन्न तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन होता है। जिसे देखने के लिए भारी संख्या में लोग उपस्थित होते हैं। शिवरात्रि के उत्सव को देखते हुए मंदिर की सुरक्षा के लिए भी प्रशासन ने विशेष इंतजाम किये हैं। उल्लेखनीय है कि आहोम राजा स्वर्गदेव शिवसिंह की पत्नी रानी अंबिका कुंवरी ने वर्ष 1734 में शिवसागर पुखरी के छोर पर शिव दौल, देवी दौल और विष्णु दौल की प्रतिष्ठा करवायी थी। सनातन हिन्दी धर्म के तीन पंथ शैव, शाक्त और वैष्णव परंपरा के अनुसार आहोम युग से वर्तमान में पूजा-अर्चना का विधान इन तीनों दौल में चलती आ रही है। शिव दौल पूरे देश में विख्यात है। यही कारण है कि यहां पर देश के अन्य हिस्सों से भी बड़ी संख्या में लोग दर्शन-पूजन को आते हैं। हिन्दुस्तान समाचार/ अरविंद

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