कोरोना के वजह से कुशीनगर नहीं आ रहे दूरस्थ प्रदेशों के केला खरीददार
कोरोना के वजह से कुशीनगर नहीं आ रहे दूरस्थ प्रदेशों के केला खरीददार

कोरोना के वजह से कुशीनगर नहीं आ रहे दूरस्थ प्रदेशों के केला खरीददार

-किसानों का लागत मूल्य भी नही निकल रहा -नेपाल, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, जम्मू कश्मीर से आते हैं खरीददार कुशीनगर, 19 जून (हि.स.)। कुशीनगर जिले के छितौनी, खड्डा, सेवरही व कसया, दुदही के ग्रामीण अंचलों के कई हजार हेक्टेयर भूमि में केला की फसल तैयार है। नगदी फसल गन्ना के बाद केले को दूसरी बड़ी नगदी फसल माना जाता है। कुशीनगर से केला नेपाल, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, जम्मू कश्मीर आदि क्षेत्रों में बिकने के लिए जाता है। परंतु कोरोना के कारण इन प्रदेशों से खरीददार आ ही नहीं रहे हैं। बाहरी खरीदारों के नहीं आने से केला उत्पादक कम कीमत पर केले बेचने पर मजबूर हैं। केले के उत्पादन में इनकी लागत से कम दाम पर स्थानीय खरीदार केला खरीदने को तैयार तो हैं पर इस बिकवाली से किसानों की पूंजी भी नहीं लौट रही है। फसल तैयार करने में किसानों के ऊपर कर्ज है सो अलग। विजय कुशवाहा क्षेत्र के बड़े केला उत्पादकों में से एक है। उन्होंने लगभग 14 एकड़ खेत 30 से 35 हजार रुपया प्रति एकड़ पर लेकर केले की खेती की है। उन्होंने जी-9 प्रजाति का केला लगाया है इसमें देशी खाद देनी होती है और 5 से 6 बार सिंचाई करने के अलावा कीटनाशक का भी छिड़काव करना होता है। केले के खेत की रखवाली में भी अच्छी-खासी रकम खर्च करनी होती है। कुशवाहा ने बताया कि केले की एक घरिया की लागत 120 रूपये आयी है जबकि स्थानीय खरीदार 100 रूपया घरिया खरीद रहे हैं। उन्होंने बताया कि एक एकड़ में 1200 पौधे होते हैं।इस तरह 14 एकड़ में 17 हजार पौधे तैयार किए गए हैं। आंधी-बारिश में 1000 पौधे का नुकसान हो गया फिर भी 16 हजार केले के पौधे तैयार हुए हैं। यदि 120 रूपया प्रति पौधा का लागत आता है तो साल भर के ब्याज सहित 150 प्रति पौधा बिकेगा तो उनकी जमा पूंजी वापस कैसे लौटेगी। किसान का कहना है कि उन्हें केले की खेती में 8 लाख रुपए से ज्यादा का नुकसान हो रहा है। यदि जून-जुलाई तक केले का बाजार नहीं खुला तो नुकसान और बढ़ जाएगा। इनको भारी नुकसान का सामना करना पड़ेगा। विजय कुशवाहा अकेले केला उत्पादक नहीं हैं जिन्हें नुकसान हो रहा है। केला उत्पादक किसान अमेरिकन खरवार, मोतीचंद कुशवाहा, जितेंद्र, कपिलदेव आदि किसानों का कहना है कि केला छिटपुट बिक रहा है। जब तक अन्य प्रदेशों से खरीददार नही आएंगे भाव नही चढ़ेगा। हिन्दुस्थान समाचार/गोपाल/राजेश-hindusthansamachar.in

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