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कोरबा : बालको में जनसुनवाई, स्मेल्टर विस्तार से बढ़ेंगी रोजगार की संभावनाएं

कोरबा, 17 फरवरी (हि. स. )। भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड के स्मेल्टर संयंत्र की उत्पादन क्षमता के विस्तार के लिए स्पोट्र्स काम्पलेक्स बालकोनगर में बुधवार को जन सुनवाई की कार्यवाही प्रशासनिक अधिकारियों और लोगों की उपस्थिति में संपन्न हुई। प्रबंधन ने प्रस्तावित परियोजना से संबंधित बिंदुओं का मसौदा प्रस्तुत किया। इससे होने वाले बहु आयामी लाभ की जानकारी दी गई। इस मौके पर कुछ लोगों ने आवश्यकताओं पर चर्चा की। किसी भी तरह के बवाल को रोकने के लिए मौके पर पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात किया गया था। कोरबा एडीएम प्रियंका महोबिया, एसडीएम सुनील नायक, तहसीलदार सुरेश साहू सहित विभिन्न पुलिस थानों के निरीक्षक और कार्यबल की उपस्थिति जन सुनवाई की प्रक्रिया में खास रही। भारत सरकार के नियमानुसार औद्योगिक उपक्रमों में क्षमता विस्तार के लिए पर्यावरणीय जन सुनवाई आवश्यक होती है। उक्तानुसार बालको प्रबंधन के द्वारा समय पर आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत किये गए थे और आवेदन किया गया था। इसके तहत 17 फरवरी की तिथि निर्धारित की गई। इस लिहाज से प्रबंधन और प्रशासन स्तर पर सभी जरूरी प्रबंध किये गए। बालको स्पोट्र्स काम्पलेक्स में जन सुनवाई में हिस्सा लेने के लिए स्थानीय और क्षेत्रीय लोगों की मौजूदगी रही जो यह जानना चाह रहे थे कि बालको प्रबंधन अपने स्मेल्टर प्लांट की मौजूदा क्षमता 3.50 लाख टन वार्षिक को बढ़ाकर 10 लाख टन वार्षिक क्यों कर रहा है। इसके माध्यम से कंपनी को क्या लाभ हो सकते हैें और क्षेत्र के हितों का संरक्षण करने में इसकी क्या भूमिका हो सकती है। छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के कोरबा स्थित अधिकारी आर.आर.सिंह ने इस मौके पर जन सुनवाई से संबंधित प्रक्रिया पर रोशनी डाली। इसके पश्चात् बालको प्रबंधन की ओर से वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बालको बीते कई वर्षों से उत्पादन गतिविधियों में शामिल रहा है। इसके माध्यम से राष्ट्र के लिए उपयोगी उत्पाद तैयार किये जा रहे हैं और लगातार इसकी आपूर्ति की जा रही है। बालको प्लांट में बड़ी संख्या में अधिकारी-कर्मचारी और ठेका श्रमिक नियोजित किये गए हैं। इससे ना केवल श्रम शक्ति के सामाजिक और आर्थिक संरक्षण सुनिश्चित हो रहे हैं बल्कि आसपास की बड़ी आबादी और अप्रत्यक्ष रूप से बहुत बड़ा वर्ग भी लाभान्वित हो रहा है। स्मेल्टर प्लांट की वार्षिक उत्पादन क्षमता बढऩे का सीधा मतलब यही है कि इससे व्यवसाय बढ़ेगा। रोजगार की संभावनाओं का विस्तार होगा। तैयार होने वाले उत्पाद को एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजने के लिए ज्यादा वाहनों की आवश्यकता होगी। कुल मिलाकर ऐसे कार्यों से अधिकतम लोगों को लाभान्वित किया जाना संभव होगा। कंपनी की ओर से बाताया गया कि सामाजिक उत्तरदायित्व गतिविधियों के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के कार्य किये जा रहे हैं। अलग-अलग प्रोजेक्ट के जरिए समुदाय को आर्थिक रूप से सशक्त करने की कोशिश की जा रही है। प्रबंधन ने इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्र की उन्नति के लिए उद्योगों की स्थापना और उनका विस्तार आवश्यक है। संबंधित बिंदुओं को कार्रवाई का हिस्सा माना गया और उक्तानुसार प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की बात कही गई। हिन्दुस्थान समाचार / हरीश तिवारी-hindusthansamachar.in

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