कोरबा : देवेन्द्र पाण्डेय की बढ़ी मुसीबतें, पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर की पहल पर एक दशक बाद खुली फाइल
कोरबा, 06 जनवरी (हि.स.)। भ्रष्टाचार के आरोपित को-ऑपरेटिव बैंक बिलासपुर के पूर्व अध्यक्ष देवेन्द्र पाण्डेय की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। सोहागपुर धान घोटाला के मामले में फरार चल रहे देवेन्द्र पाण्डेय के खिलाफ राज्य शासन ने ईओडबल्यू (आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो) को करोड़ों रुपयों के घोटाले के प्रकरण में कार्रवाई की स्वीकृति प्रदान कर दी है। जानकारी के अनुसार ईओडब्ल्यू ने एक दशक पहले को-ऑपरेटिव बैंक बिलासपुर के तत्कालीन अध्यक्ष देवेन्द्र पाण्डेय के खिलाफ आर्थिक अपराध के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी। मामले को एक दशक तक अनुमति के लिए लंबित रखा गया था। पिछले दिनों रामपुर विधायक और पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने इस संबंध में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिख कर प्रकरण की जानकारी दी थी और आपराधिक मामले में देवेन्द्र पाण्डेय के खिलाफ कार्रवाई के लिए ईओडब्ल्यू. को अनुमति देने की मांग की थी। कद्दावर आदिवासी नेता और विधायक ननकीराम कंवर के पत्र को मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लिया। उन्होंने प्रकरण के संबंध में त्वरित कार्रवाई कर ईओडबल्यू को आवश्यक अनुमति प्रदान करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री के निर्देश पर तुरन्त अमल हुआ। राज्य शासन के सहकारिता विभाग के अवर सचिव एसके सिंह ने पत्र क्रमांक-एफ. 7-3/2020/ 15-1 नवा रायपुर, अटल नगर दिनांक- 17/11/2020 जारी कर ईओडबल्यू रायपुर के पुलिस अधीक्षक को जांच की अनुमति प्रदान की है। उल्लेखनीय है कि ईओडबल्यू में देवेन्द्र पाण्डेय और को-ऑपरेटिव बैंक के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी डीसी ठाकरे के खिलाफ पंजीबद्ध प्रारंभिक जांच क्र.26/02011 में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम-1988 (यथा संशोधित भ्र. नि. अधि. 2018) की धारा-17 (क) अब तक लंबित था। रामपुर विधायक ननकीराम कंवर की पहल पर एक दशक बाद इस मामले में राज्य शासन से कार्रवाई की अनुमति प्रदान की गयी है। इसके साथ ही अनेक घोटालों के आरोपित देवेन्द्र पांडेय की मुसीबत बढ़ गई है। इन दिनों देवेन्द्र पाण्डेय जिले के सोहागपुर में एक दशक पहले हुए 1 करोड़ रुपयों से भी अधिक के धान घोटाला मामले में फरार है। दो दिन पहले कोरबा न्यायालय से अग्रिम जमानत की अर्जी भी खारिज हो चुकी है। हिन्दुस्थान समाचार / हरीश तिवारी-hindusthansamachar.in