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कोंडागांव:जासूस नही था कबूतर, रास्ता भटकर तमिलनाडु से कोंडागांव पहुँच गया

कोंडागांव 16 अप्रैल (हि.स.)। कुछ दिन पूर्व एक कबूतर के पैर में स्टिकर रिंग पाये जाने पर जासूसी कबूतर होने और इसके बारे में कई तरह की जन चर्चा थी । कोंडागांव पुलिस ने इस अज्ञात कबूतर के बारे में छानबीन करने के पश्चात शुक्रवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी किया है कि अरूण खेलवारे पिता चैतूराम उम्र 25 वर्ष निवासी जामपदर पारा कोण्डागाॅव के द्वारा थाना मे आवेदन दिया गया कि13 अप्रैल के सुबह 09.00 बजे वह अपने घर के अन्दर था तभी स्लेटी काले कलर का कबूतर चलता हुआ उसके पास आया। जिसके दोनो पैरो मे प्लास्टिक गोल जैसा बैंड बन्धा हुआ था ।इसकी सूचना पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी को दी गई। पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा उक्त कबूतर के संबंध में जानकारी एकत्र करने हेतु अनुविभागयीग अधिकारी कोण्डागांव के नेतृत्व में थाना कोण्डागांव को निर्देशित किया था। जाॅच के दौरान उक्त कबूतर के संबंध में पशु चिकित्सा अधिकारी कोण्डागाॅव से राय मांगी गई । जिस पर उनके द्वारा बताया गया कि कबूतर रेसिंग होमर प्रजाति का है। पशु चिकित्सक के द्वारा बताये गये जानकारी के आधार पर पता चला कि इस कबूतर का सामान्यतः दक्षिण भारत में खेल प्रतियोगिता में उपयोग किया जाता है। जाॅच के दौरान उक्त कबूतर के स्वामी का नाम एन नागासेल्वम पिता का नाम नागार्जन त्रिवेल्लूर तमिलनाडु का होना पाया गया है। उपरोक्त कबूतर रजिस्टर नंबर 305/19 के अंतर्गत पंजीकृत है। कबूतर स्वामी एन नागासेल्वम ने बताया कि8 अप्रैल को तमिलनाडू में आयोजित कबूतर रेस में शामिल था। जो खराब मौसम के कारण रास्ता भटकर यहाँ आ गया है। कबूतर के संबन्ध मे विस्तृत जानकारी प्रदान करने मे पशु चिकित्सालय कोण्डागाॅव मे पदस्थ डाक्टर नीता मिश्रा एवं उनकी टीम का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। हिन्दुस्थान समाचार/राजीव गुप्ता

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