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कोंडागांव : प्रदेश में ऋण माफी के नाम पर फर्जीवाड़ा कर किसानों से हो रहा छलावा : लता उसेंडी

कोंडागांव, 01 मार्च (हि.स.)। भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष लता उसेंडी ने स्थानीय विश्राम गृह में सोमवार को प्रेस वार्ता आयोजित कर प्रदेश में कर्ज माफी के नाम पर किसानों के साथ हो रहे धोखे से अवगत करवाते हुए सरकार और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के माध्यम से एक मामला प्रकाश में आया है जिसमे किसान द्वारा ऋणमाफी से पहले की जमा की गई राशि सरकार ने ले ली है। प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल व पीसीसी चीफ मोहन मरकाम एक तरफ तो ढिंढोरा पीटते फिरते है कि किसानों का कर्ज माफ हुआ है। किंतु धरातल पर सत्यता कुछ और ही बयां कर रही है। अन्नदाता से छलावे का जीता जागता उदाहरण कोंडागांव जिले के ग्राम चिलपुटी से प्रकाश में आया है । किसान सोनसाय पिता घासिया, ग्राम चिलपुटी जिला कोंडागांव ने लैंप्स के माध्यम से 05 जून 2017 को 23 हजार 528 रुपये का कर्ज लिया था, जिसका ब्याज समेत राशि 25 हजार 816 रुपये बकाया निकलता है। इसी बीच उक्त किसान को ऋणमाफी का प्रमाण पत्र 22 फरवरी 2019 को प्राप्त हुआ, जिससे उक्त रकम का कर्ज माफ हुआ। किंतु किसान द्वारा 15 अक्टूबर 2018 को संबंधित बैंक के लोन खाते में 15 हजार रुपये जमा करवाए गए। सवाल यह उठता है कि अगर किसान ने 15 हजार रुपये का भुगतान किया है तो ऋण की रकम 25 हजार 816 रुपये में से 15 हजार रुपये की राशि काट कर के कर्जमाफी होनी थी। अगर उक्त राशि नहीं काटी गई है तो उसका समायोजन कहा हुआ? यह एक बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा है जो सरकार में बैठे जिमेदारों द्वारा किया जा रहा है। कोंडागांव जिले में ऐसे तीन से चार मामले प्रकाश में आए हैं। जब पीसीसी चीफ मोहन मरकाम के विधानसभा क्षेत्र का यह हाल है तो समूचे प्रदेश में न जाने कितने किसानों के साथ ऐसा छलावा हुआ होगा। एक ओर सरकार प्रदेश के अन्नदाताओं का हक़ मार रही है तो वही दूसरी ओर मुख्यमंत्री, उनके मंत्रीगण और विधायक ढिंढोरा पीटते घूम रहे हैं कि उन्होंने किसानों का कर्ज माफ किया है । ऐसे गंभीर मामले की स्पष्ट और सही दिशा में न्यायिक जांच समिति के माध्यम से त्वरित जांच होनी चाहिए। अगर ऐसे गंभीर मामले में त्वरित जांच व कार्रवाई नहीं होती तो भाजपा सड़क पर उतरकर आंदोलन करने को बाध्य होंगी। हिन्दुस्थान समाचार/राजीव गुप्ता

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