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कोंडागांव : स्किल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, कोचिंग तथा लाईब्रेरी के पुनः संचालन हेतु कलेक्टर ने जारी किये दिशा-निर्देश

कोण्डागांव, 11 फरवरी (हि.स.)। वर्तमान में कोण्डागांव जिला अंतर्गत कोविड-19 से पॉजिटिव मरीजों की संख्या में कमी को देखते हुए तथा भारत सरकार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा जारी निर्देशानुसार कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा द्वारा जिले में स्थित कौशल उन्नयन प्रशिक्षण संस्थान (स्किल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट) कोचिंग सेंटर तथा लाईब्रेरी को संचालित करने की अनुमति प्रदान किया गया है। उक्त संस्थानों को संचालित करने की अनुमति प्रदान करते हुए कलेक्टर श्री मीणा ने कहा कि संस्थान में बैठक क्षमता का एक समय में केवल 50 प्रतिशत व्यक्तियों के सम्मिलित होने की अनुमति होगी। यथासंभव ऑनलाईन क्लास, डिस्टेंस लर्निंग को प्राथमिकता दिया जावे, संस्थान में प्रवेश द्वार एवं निकासी द्वार पृथक-पृथक हो यह सुनिश्चित किया जावे एवं प्रवेश, निकासी द्वार टच फ्री मोड में हो। शासन शिष्टाचार का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जावे, संस्थान में उपस्थित व्यक्ति खांसते, छींकते समय टिशु पेपर, रूमाल, मुड़ी हुई कोहनी का अनिवार्यतः उपयोग करेंगे। संस्थान के संचालक, प्राचार्य यह सुनिश्चित करेंगे कि उपयोग में लाये सामग्री का ठीक से निपटारा किया जावे। संस्थान में रखे पीने के पानी स्थल, हाथ धोने का स्थल, वॉशरूम, कुर्सी टेबल, बेंच, कम्प्यूटर, लैपटाॅप, प्रिंटर, पाठ्य सामग्री, लॉकर, क्लास रूम एवं ऐसी सतह जो टच फ्री मोड में न हो, को समय-समय पर 01 प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराईड अथवा 70 प्रतिशत एल्कोहल बेस्ड सेनेटाईजर से साफ करना होगा। लैपटॉप, नोटबुक, पाठ्य सामग्रियों का आदान-प्रदान करने की अनुमति नहीं होगी, संस्थान में संचालित कैंटीन यथासंभव बंद रखा जावे। कलेक्टर ने कहा कि संस्थान में सीसीटीवी कैमरे लगाया जावे ताकि कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित होने पर कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग किया जा सके। संस्थान में उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति को सोशल, फिजिकल डिस्टेसिंग, मास्क लगाना एवं समय-समय पर सेनेटाईजर का अनिवार्य रूप से उपयोग किया जावे। संस्थान में बैठक व्यवस्था हेतु कुर्सी के मध्य कम से कम 06 फीट की दूरी रखना अनिवार्य होगा। संस्थान में बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश पूर्णतः प्रतिबंधित होगा, संस्थान में सेनेटाईजर थर्मल स्क्रिीनिंग, ऑक्सीमीटर, हेंडवॉश एवं क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था की जायेगी। थर्मल स्क्रिनिंग में बुखार पाये जाने अथवा कोरोना से संबंधित कोई भी सामान्य या विशेष लक्षण पाये जाने पर संस्थान मेें प्रवेश नहीं देने की जिम्मेदारी संस्थान के संचालक, प्राचार्य की होगी। संस्थान की बैठक क्षमता, यदि कम हो तो विद्यार्थियों, प्रशिक्षणार्थियों को अलग-अलग समय में बुलाया जावे। संस्थान में यदि एयर कंडीशनर का उपयोग किया जाता है, जो उसकी रेंज 24 डिग्री सेल्शियस से 30 डिग्री सेल्शियस रखना होगा। उपस्थिति हेतु बायोमैट्रिक सिस्टम का उपयोग न करते हुए कॉन्टेक्ट लेस उपस्थिति की व्यवस्था करना अनिवार्य होगा। संस्थान में उपस्थित किसी व्यक्ति, विद्यार्थी को यदि किसी प्रकार का कोरोना से संभावित लक्षण लगता है तो उसको तत्काल अन्य व्यक्तियों से अलग (आइसोलेटेड) करना होगा, संस्थान में कोविड-19 से बचाव हेतु उपाय के लिए बैनर, पोस्टर लगाना होगा। इन सभी शर्तों के अतिरिक्त कोविड-19 के संबंध में भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय एवं छत्तीसगढ़ शासन, सामान्य प्रशासन विभाग एवं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किये गये आदेशों का पालन अनिवार्य रूप से किया जाना होगा। इस संबंध में कलेक्टर ने यह भी कहा है कि उपरोक्त दिये गये किसी शर्तों का उल्लंघन अथवा किसी प्रकार की अव्यवस्था होने पर इसकी समस्त जिम्मेदारी संस्थान के संचालक, प्राचार्य की होगी तथा उसके विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जावेगी। यह आदेश तत्काल प्रभावशील हो गया है तथा आदेश के उल्लंघन करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 सह पठित एपीडेमिक डिसीज एक्ट 1987 यथा संशोधित 2020 एवं भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धाराओं के अंतर्गत विधि अनुकुल कार्यवाही होगी। हिन्दुस्थान समाचार /राजीव गुप्ता-hindusthansamachar.in

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