कानपुर : संवासिनी गृह मामले में अधीक्षिका और डीपीओ निलंबित
कानपुर : संवासिनी गृह मामले में अधीक्षिका और डीपीओ निलंबित

कानपुर : संवासिनी गृह मामले में अधीक्षिका और डीपीओ निलंबित

- कानपुर में शासन ने लापरवाही पर की बड़ी कार्रवाई - किशोरियां सहित 57 संवासिनी पायी गयी थी कोरोना पॉजिटिव कानपुर, 26 जून (हि.स.)। राजकीय बाल गृह (बालिका) में आधा सैकड़ा से अधिक कोरोना पॉजिटिव केस सामने के बाद से बराबर जिम्मेदारों पर आरोप लगते रहे। मीडिया और सोशल मीडिया में चली खबरों पर आज ही महिला कल्याण राज्य मंत्री ने जमीनी हकीकत परखी और सख्त कार्रवाही की बात कही। इसके बाद कुछ ही घंटे बीते थे कि शासन ने बड़ी कार्यवाही करते हुए अधीक्षिका सहित जिला प्रोबेशन अधिकारी (डीपीओ) को निलंबित कर दिया। स्वरुप नगर थाना क्षेत्र में एक ही परिसर में राजकीय बाल गृह (बालिका) और संवासिनी गृह संचालित है। यहां पर बीते दिनों किशोरियां सहित 57 संवासिनी कोरोना पॉजिटिव पायी गयी और उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया। मामला मीडिया और सोशल मीडिया में आते ही आरोपों की झड़ी लगने लगी कि आखिर बेहद सुरक्षित जगह पर कोरोना दस्तक देता रहा और जिम्मेदार शांत बैठे रहे। इसके साथ ही और तमाम तरह के आरोप सोशल मीडिया में ट्रेंड होने लगे और विपक्ष भी पूरे मामले को लेकर हमलवार हो गया। हालांकि मंडलायुक्त और जिलाधिकारी ने इस मामले में पूरी स्थिति को स्पष्ट किया। इस बीच राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. शुचिता चतुर्वेदी ने यहां आकर स्थिति का जायजा लिया। डॉ. शुचिता चतुर्वेदी ने यहां मिले पहले मामले के बाद सभी बालिकाओं को समय से क्वारंटाइन न करने को लेकर चूक मानी थी। इसके बाद उन्होंने शासन को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। वहीं मामले को लेकर आज ही महिला कल्याण राज्यमंत्री स्वाती सिंह जमीनी हकीकत परखी और उन्होंने अपने बयान में कहा कि लापरवाही पर किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाएगी। इस बयान के कुछ देर बाद ही योगी सरकार ने कानपुर के जिला प्रोबेशन अधिकारी अजीत कुमार को निलंबित करते हुए महिला कल्याण निदेशालय लखनऊ से संबद्ध कर दिया। इसके साथ ही राजकीय बाल गृह की अधीक्षिका मिथलेश पाल को भी अनियमितताओं के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। बताते चलें कि एक तरफ जहां राजकीय बालिका गृह में कोरोना पॉजिटिव मामले से लेकर अन्य गंभीर आरोपों में मीडिया में जबरदस्त खबरें चल रही थी तो वहीं डीपीओ ने भ्रामक खबरें फैलाने का आरोप लगा अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करा दिया। इसके बाद मामला बढ़ता गया और तर्क सहित आरोप लगते रहे। इसी को लेकर विपक्ष भी मुद्दा बनाने में जुट गया और अन्ततः शासन को बड़ी कार्यवाही करनी पड़ी। हिन्दुस्थान समाचार/अजय/मोहित-hindusthansamachar.in

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