केंद्र सरकार  द्वारा झारखंड में शुरू किया गया गरीब कल्याण रोजगार अभियान ।
केंद्र सरकार द्वारा झारखंड में शुरू किया गया गरीब कल्याण रोजगार अभियान ।

केंद्र सरकार द्वारा झारखंड में शुरू किया गया गरीब कल्याण रोजगार अभियान ।

रांची, 24 जून ( हि.स.)केंद्र सरकार ने कोविड-19 महामारी से प्रभावित बड़ी संख्या में घर वापस लौटने वाले प्रवासी कामगारों को सशक्त बनाने और अपने क्षेत्रों/गांवों में आजीविका के अवसर मुहैया करने के लिए 20 जून को गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत देशभर के 06 राज्यों के 116 जिलों में रोजगार मुहैया कराया जाना है। झारखंड के तीन जिलों-हजारीबाग, गोड्डा और गिरिडीह को इसके तहत चुना गया है। पत्र सूचना कार्यालय रांची के अपर महानिदेशक अरिमर्दन सिंह के नेतृत्व में बुधवार को अधिकारियों का एक दल 23 जून को हजारीबाग पहुंचा और जिले में लौटने वाले प्रवासी कामगारों से उनकी राय जानी। इस दल में क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी गौरव कुमार पुष्कर भी शामिल थे। दल ने हजारीबाग जिले के सदर ब्लॉक स्थित मेरू गांव, दारू प्रखंड के इरगा पंचायत स्थित बड़वार गांव, चुरचू प्रखंड के चरही गांव में बाहर से लौटने वाले प्रवासी कामगारों से गरीब कल्याण रोजगार अभियान के संबंध में उनकी प्रतिक्रिया जानी। उन्हें इस अभियान के तहत दिए जाने वाले लक्षित कार्यों और गतिविधियों की जानकारी दी गई। उन्हें बताया गया कि केंद्र सरकार प्रवासी कामगारों को उनके क्षेत्र में ही रोजगार मुहैया कराने के लिए अभियान की शुरुआत कर चुकी है। इसके तहत सामुदायिक स्वच्छता केन्द्र (सीएससी) का निर्माण, मवेशी घरों का निर्माण, ग्राम पंचायत भवन का निर्माण, पोल्ट्री शेड्स का निर्माण, 14वें एफसी कोष के तहत कार्य, बकरी शेड का निर्माण, राष्ट्रीय राजमार्ग कार्यों का निर्माण, जल संरक्षण और फसल कटाई कार्य, पौधारोपण कार्य, कुओं को निर्माण, ग्रामीण आवासीय कार्यों का निर्माण, बागवानी, जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) कार्य आदि कई क्षेत्रों में काम दिए जाने हैं। उन्हें केंद्र सरकार की अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं की भी जानकारी दी गई साथ ही कोरोना महामारी के संक्रमण को फैलने से रोकने और इसके बचाव से संबंधित उपाय भी बताए गए। उन्हें बताया गया कि विविध प्रकार के कार्यों के समूह से सुनिश्चित होगा कि हर प्रवासी कामगार को आने वाले 125 दिन में उसके कौशल के आधार पर रोजगार के अवसर मिले। यह कार्यक्रम दीर्घावधि में आजीविका के विस्तार और विकास के लिए भी तैयार होगा। 125 दिन का यह अभियान मिशन के रूप में काम करेगा। हजारीबाग जिले के प्रवासी कामगारों का कहना था कि लॉकडाउन के दौरान वे अपने घर तो आ गए पर रोजगार की सबसे बड़ी समस्या है। अगर हमें केंद्र सरकार यहीं हमारे स्किल के मुताबिक रोजगार मुहैया करा देती है तो यह हमारे लिए सबसे खुशी की बात होगी और हम बाहर काम करने भी नहीं जाएंगे। इन अप्रवासी कामगारों में कई ऐसे लोग भी थे जो दूसरे प्रदेशों में बड़े ओहदे पर काम कर रहे थे और अब वे यहीं रहकर काम करना चाहते हैं। कुछ कामगारों का कहना था कि फिलहाल मरनेगा के तहत काम मिल रहा है, लेकिन उन्हें उनकी स्किल के तहत काम दिया जाता तो बेहतर होता। हमें खुशी है कि केंद्र सरकार गांव में रोजगार देने के लिए प्रयास कर रही है। हिंदुस्थान समाचार /विनय/सबा एकबाल-hindusthansamachar.in

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