डायबिटीज बड़ी समस्या नहीं, यह हमें अनुशासित रहना सिखाती हैः ज्योति दीदी
डायबिटीज बड़ी समस्या नहीं, यह हमें अनुशासित रहना सिखाती हैः ज्योति दीदी

डायबिटीज बड़ी समस्या नहीं, यह हमें अनुशासित रहना सिखाती हैः ज्योति दीदी

सिवनी, 28 जून(हि.स.)। जिले के बम्हाकुमारी आश्रम के ज्योति दीदी ने अंतरराष्ट्रीय मधुमेह दिवस पर अपने संदेश में कहा कि डायबिटीज कोई बड़ी समस्या नहीं है, अपितु यह हमें अनुशासित रहना सिखाती है। बम्हाकुमारी आश्रम की ज्योति दीदी ने अपने संदेश में लोगों को एक उदाहरण देते हुये समझाया कि एक बहुत प्रसिद्ध तत्वदर्शी थे, उन्हें किसी ने कहा कि आपको एक सजा सुनाई जाती है और सजा में आपको एक बीमारी दी जायेगी लेकिन मजा तो इस बात में है कि बीमारी आपको स्वयं चुनना है। उस तत्वदर्शी ने तपाक से बोला, हां मुझे डायबिटीज की बीमारी दे दो। तब उससे पूछा गया कि आप डायबिटीज को क्यों पसंद करते हैं तो उसने जबाब दिया कि क्योंकि डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसे मैं कन्ट्रोल में रख सकता हूं। यह बीमारी जीवनशैली को सकारात्मक बनाना सिखलाती है, अनुशासित रहना सिखलाती है। कई डायबिटीक पेसेन्ट का यह अनुभव है कि हमारा जीवन पहले अनियमित अव्यवस्थित था लेकिन डायबिटीज ने जीवन में वैलेन्स रखना सिखला दिया। अब हम समय पर भोजन करते, वाकिंग, एक्सरसाईज करते हैं। अतः डायबिटीज कोई जानलेवा बीमारी नही लेकिन हमें संयमित बनाती है। कहने का भाव यह नही कि हम भी डायबिटिक पेसेन्ट बन जाये लेकिन यदि डायबिटीज के पेसेन्ट है तो डरें नही और स्वयं को इतना संयमित बनाये कि अन्य बीमारियों से स्वयं को सुरक्षित कर सकें। डायबिटीज बढ़ने-घटने का मूल कारण है तनाव। तनाव नकारात्मक और व्यर्थ चिन्तन से बढ़ता है। व्यर्थ को समाप्त करने का सबसे सहज उपाय है- मेडीटेशन। मेडीटेशन हमारे मन के विचारों को सकारात्मक दिशा प्रदान करता है और हम अपने मन को शांत कर सकते हैं। जितना हमारा मन शांत, सकारात्मक रहता है उतना इन्सुलिन हमारे अन्दर से ही जेनरेट होता है बाहर से इन्सुलिन लेना नही पड़ता। अतः विचारों को सकारात्मक कर अपने शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है। ब्रह्माकुमारी ज्योति दीदी ज्योति दीदी ने सबको मेडीटेशन करने के लिये प्रेरित किया। हिन्दुस्थान समाचार/रवि-hindusthansamachar.in

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