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न्यायमूर्ति गौतम चैरड़िया ने परिवार न्यायालय का किया शुभारंभ

- पारिवारिक जीवन मूल्यों का निर्वहन सभी पक्षों की जिम्मेदारी : न्यायमूर्ति कोण्डागांव, 23 जनवरी (हि.स.)। मुख्यालय के जिला न्यायालय परिसर में शनिवार को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर के मुख्य न्यायाधिपति पीआर रामचन्द्र मेनन के निर्देशन पर न्यायमूर्ति गौतम चैरड़िया, न्यायाधीश छग उच्च न्यायालय के कर कमलो से नवनिर्मित परिवार न्यायालय का शुभारंभ किया गया। इस मौके पर क्षेत्र के विधायक मोहन मरकाम, कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा, जिला न्यायाधीश सुरेश कुमार सोनी, पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी, न्यायाधीश परिवार न्यायालय जितेन्द्र कुमार जैन, अध्यक्ष अधिवक्ता संघ जे.पी. यादव, सहित बारकाउंसिल के सदस्य उपस्थित थे। इस मौके पर न्यायमूर्ति चैरड़िया ने परिवार न्यायालय के शुभारंभ की बधाइयां देते हुए कहा कि इस न्यायालय का प्रमुख उद्देश्य उभय पक्षकारों को आपसी प्रेम, सदभाव एवं शांतिपूर्ण जीवन जीने का महत्व समझाते हुए उन्हे अवसर प्रदान करना है। क्योंकि एक परिवार के टूटने से बच्चे तो प्रभावित होते ही है इसके साथ ही कई प्ररिवार भी प्रभावित होते हैं। चाहे वह फिर महिला का परिवार हो या पुरुष का और अन्ततः समाज पर भी इसका दुरगामी प्रभाव पड़ता है। अतः पारिवारिक न्यायालयों पर यह महती जवाबदेही है कि ऐसी अप्रिय परिस्थितियों से बचने के लिए पक्षकारों को पारिवारिक जीवन मूल्यों की प्रतिबद्धता के लिए प्रेरित करे। जिला न्यायाधीश सोनी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि कोण्डागांव जिले में परिवार न्यायालय की आवश्यकता महसूस की जा रही थी, इसके लिए छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय द्वारा इस संबंध में पहल की गई और इसके लिए सभी आभारी हैं। समाज में एक जुटता के लिए परिवार कांउसलिंग होना जरूरी है और परिवार न्यायालय इसमें पूरी क्षमता से अपनी भूमिका निभायेगा। कार्यक्रम के अतं में अधिवक्ता सघं द्वारा माननीय न्यायमूर्ति को स्मृति चिन्ह भी भेंट किया गया। हिन्दुस्थान समाचार/राजीव गुप्ता-hindusthansamachar.in

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