जोगी ओझल हुए है विलुप्त नहीं : रिजवी
जोगी ओझल हुए है विलुप्त नहीं : रिजवी

जोगी ओझल हुए है विलुप्त नहीं : रिजवी

रायपुर, 01 जून (हि.स.)। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के मीडिया प्रमुख एवं मध्यप्रदेश पाठ्यपुस्तक निगम के पूर्व अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता इकबाल अहमद रिजवी ने स्वर्गीय प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी की शख्सियत का जिक्र करते हुये कहा कि उनके अद्भुत व्यक्तित्व एवं विलक्षण प्रतिभा का बखान करने के लिए शब्दकोष का शब्द बौना सिद्ध हो जाता है। जननायक अजीत जोगी के अथक प्रयास गरीब जनता की खुशहाली के लिए थी। उनकी सोच निरीह, बेबस और कमजोर तबकों की तरक्की की थी। उनका दर्द किसानों का दर्द था। उनका संकल्प ग्राम राज्य को साकार करना था और उनकी कसौटी जनचेतना में थी। रिजवी ने सोमवार को बयान जारी करते हुए कहा कि स्व. जोगी का अन्तर्मन शिक्षित युवा और बेरोजगारों के भविष्य निर्माण में संरत था। उनका प्रेरक वाक्य साक्षर ही नहीं शिक्षित समाज में था। स्व. जोगी की आत्मा खेत-खेतिहर मजदूर, किसान और श्रमिकों के घर में था। उनका मुकाम झुग्गीवासी, आवासहीन और असहायों की दहलीज पर था। उनका प्रबल शत्रु साम्प्रदायिकता थी और उनका मजहब सर्वधर्म सम्भाव और वसुधैव कुटुम्बकम के सशक्त पक्षधर थे। दुनिया में आजीवन स्व. अजीत को याद किया जाता रहेगा, क्योंकि स्व. अजीत जोगी माटीपुत्र थे और उन्होंने मरते दम तक इस फर्ज को निभाया भी। जोगी शताब्दी पुरुष थे जो सदियों में जन्म लेते हैं। जोगी ओझल हुए है विलुप्त नहीं। बड़ी मुश्किल से जोगी जैसा दीदावर पैदा होता है। हिन्दुस्थान समाचार / चंद्रनारायण शुक्ल-hindusthansamachar.in

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