सीसीपी पर कमजोर हो रहा है जिनपिंग का नियंत्रण, इसी कारण हुआ भारत पर हमला
सीसीपी पर कमजोर हो रहा है जिनपिंग का नियंत्रण, इसी कारण हुआ भारत पर हमला

सीसीपी पर कमजोर हो रहा है जिनपिंग का नियंत्रण, इसी कारण हुआ भारत पर हमला

नई दिल्ली, 16 जून (हि.स.)। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का नियंत्रण सीसीपी (चीनी कम्युनिस्ट पार्टी) पर कमजोर हो रहा है। भारत पर किया गया हमला जिनपिंग को मजूबत दिखाने की योजना के तहत किया गया है। राज्य-नियंत्रित मीडिया और प्रचार-प्रसार से बनाई गई छवि के कारण देशहित में फैसले लेने वाले नेता शी जिनपिंग के नेतृत्व में चीन के बाहर से एक मजबूत देश दिखाई देता है। सीसीपी के अध्यक्ष जिनपिंग कोरोना महामारी के नियंत्रण के दौरान सीसीपी में गंभीर संरचनात्मक दरारें आ गई हैं। हाल ही के समय में चीन पर नजर रखने वाले विश्लेषक एडम नी ने कहा है कि आज के समय में चीन को कुछ लोगों ने अखंड के रूप में चित्रित किया है। यह सत्ताधारी पार्टी दुर्भावना है और पार्टी के नेता मैकियावेलियन के मंत्र से विश्व वर्चस्व पर तुले हुए हैं। वास्तविकता यह कि चीन खंडित है। गहराई से विरोधाभासी है। इसके नेताओं ने त्रुटिपूर्ण और एक कठिन समय के लिए सब कुछ एक साथ नियंत्रित किया हुआ है। अमेरिका में सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज में चीनी व्यापार और अर्थशास्त्र में वरिष्ठ सलाहकार और ट्रस्टी चेयर स्कॉट केनेडी ने एनपीसी में आर्थिक दृष्टिकोण को व्यावहारिक कहा है। उन्होंने चीन के शासन के लिए उठाए गए कदमों और देश के विकास के पूर्वानुमान को अद्भुत बताया है और कुछ मायनों में क्रांतिकारी भी बोला है क्योंकि चीन की अर्थव्यवस्था के लिए विकास लक्ष्य ही चमकता सितारा है। उन्होंने कहा कि यह सभी के लिए गुमराह करने वाला होगा। ग्लोबल ताइवान इंस्टीट्यूट के सीनियर फेलो जे माइकल कोल ने ट्वीट किया कि यह याद रखें कि 3,000 एनपीसी प्रतिनिधियों की कुल पूंजी लगभग 470 बिलियन अमेरिकी डॉलर या इससे अधिक है। धनी वर्ग का लालच और स्वार्थ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) रूपी जहाज को चला रहा है। हिन्दुस्थान समाचार/सुप्रभा सक्सेना/कुसुम-hindusthansamachar.in

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