जयपुर और दिल्ली से मजदूरों का पलायन

जयपुर और दिल्ली से मजदूरों का पलायन

जयपुर और दिल्ली से मजदूरों का पलायन कटनी,पन्ना,बीना और विदिशा जाने वालों की आती रहीं टोलियां गुना, 29 मार्च (हि.स.)। कोरोना वायरस का प्रकोप के बीच देश भर में लॉक डाउन का असर सबसे ज्यादा मजदूरों पर पड़ रहा है। इन मजदूरों के पास अपने घर तक पहुंचने के लिए कोई साधन नहीं मिल रहा तो पैदल ही निकल पड़े हैं। काम ही नहीं हैं, पैसे भी नहीं बचे थे, यह सोचकर अपने घर वापस लौट रहे हैं। यह अकेले जयपुर से उमरिया जाने वाले अभयराज की नहीं बल्कि सत्तर-अस्सी उन लोगों की है जो मजदूरी न मिलने और पैसे न होने के बाद पैदल-पैदल रविवार को गुना आए। पन्ना के रहने वाले तीन लोगों की पीड़ा ये थी कि उनको रास्ते में खाना भी नसीब नहीं मिला। यह लोग भरी दोपहरी में अपने छोटे-छोटे बच्चों को कंधे पर बिठालकर जाते हुए दिखाई दिए। यहां कुछ देर रुकने के बाद कोई मजदूरों की टोली कटनी से 65 किलोमीटर दूर अलग-अलग जगह यानि उमरिया,पन्ना,छतरपुर, बीना आदि जगह के लिए रवाना हुई। उधर प्रशासन ने बाहर से आने वालों को उनके गंतव्य स्थान भेजने के लिए दिखावे के रूप में तहसील पर बसें खड़ी करवा दीं, लेकिन मजदूर पैदल जाते रहे, और बसें वहीं की वहीं खड़ी रहीं। 25 मार्च को निकले थे जयपुर से रविवार को लगभग 422 किलोमीटर की यात्रा कर जयपुर से आए 23 मजदूरों ने गुना में अपनी पीड़ा सुनाते हुए बताया कि वे 25 मार्च को सुबह के समय जयपुर से परिवार सहित निकले थे। उन्होंने बताया कि जयपुर से निकलने के बाद हमने कुछ ही घंटे आराम किया, आंखों में ही नींद काटते रहे और पैदल-पैदल चलते रहे।उनसे जब पूछा कि रास्ते में कुछ खाने को मिला, इस पर उनका कहना था कि दो-तीन जगह गांवों और समाजसेवी संस्थाओं ने खाने के पैकेट दे दिए थे, उनको ही खाते हुए गुना तक पहुंचे हैं। बैटरी डिस्चार्ज, टूट रहा है परिवार से सम्पर्क उन्होंने बताया कि पैदल-पैदल चल रहे हैं, रास्ते में रुक नहीं पा रहे तो बैटरी भी चार्ज नहीं हो पा रही है, जिससे उनका परिवार से स पर्क भी टूट रहा है। उनका कहना था कि अभी तो हमें कटनी के पास उमरिया तक की यात्रा करनी है, साधन कुछ नहीं मिल रहा, सो पैदल-पैदल ही जाएंगे। उनका कहना था कि कटनी अभी गुना से बहुत दूर है, दो दिन और हमें अपने घर पहुंचने में लग जाएंगे। गुना में प्रवेश करते समय राजस्थान के बार्डर पर हमारी जांच भी की गई, हमने अपना परिचय बताया, जब उनको गुना होकर कटनी जाने की अनुमति दी।गुना बस स्टैण्ड पर आए तो पुलिस ने उनको रोक लिया और नाम-पते व स्वास्थ्य परीक्षण कराकर कटनी की ओर रवाना होने दिया। उमरिया जा रहे हैं ये मजदूर अभय राज, मनोज कुमार बैगा, महावीर बैगा, बृजेन्द्र कुमार बैगा, दिनेश बैगा, दाऊ जी बैगा, लोकेन्द्र बैगा, अमृतलाल, नीलू कुमार, दिनेश कुमार बैगा, शिवम राज, अशोक कुमार, विष्णु कुमार, बल्ले राल झारिया, ईश्वर देन बैगा, सुनील कुमार बैगा, शिवकुमार बैगा, दीपनारायण बैगा, मूल्लू बैगा, दीविन्दा बैगा, अभिनव बैगा, अनिल माथुर, ओम सिंह मसराम आदि। कंधे पर बच्चे का तो पीठ पर बैग का बोझ लॉक डाउन के दौरान जयपुर में काम बंद होने के बाद 12-13 मजदूर जिनमें महिलाएं और छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल थे। पन्ना और छतरपुर स्थित अपने घर लौट रहे मजदूरों ने बताया कि हमारे छोटे-छोटे बच्चे हैं, उनको कंधे पर बिठालकर जयपुर से यहां आ पाए हैं, ऐसे ही पन्ना और छतरपुर तक जाना है। उनका कहना था कि 23 तारीख को वे जयपुर से चले थे, अभी गुना आ पाए हैं। इनके साथ जो महिलाएं थीं उनमें से एक-दो चल भी नहीं पा रही थीं। हिन्दुस्थान समाचार / अभिषेक-hindusthansamachar.in

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