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जाम्बिया ने मतदान के दिन व्हाट्सएप, ट्विटर पर प्रतिबंध लगाया

नई दिल्ली, 13 अगस्त (आईएएनएस)। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भारत सहित कई देशों में अधिक जांच का सामना कर रहे हैं, अब जाम्बिया ने भी शुक्रवार को आम चुनाव के दिन व्हाट्सएप, ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और मैसेंजर के उपयोग को प्रतिबंधित कर दिया है। देश के कई यूजर्स ने ट्विटर पर यह जानकारी दी कि आज चल रहे आम चुनावों के बीच व्हाट्सएप को प्रतिबंधित कर दिया गया है। इंटरनेट मॉनिटरिंग फर्म नेटब्लॉक्स ने ट्वीट किया कि जाम्बिया ने विभिन्न सोशल मैसेजिंग प्लेटफॉर्म तक पहुंच को प्रतिबंधित कर दिया है। संगठन ने पोस्ट किया, चेतावनी संकेत अपडेट, रीयल-टाइम नेटवर्क डेटा पुष्टि करता है कि व्हाट्सएप के साथ अब ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और मैसेंजर सहित सोशल मीडिया और मैसेजिंग प्लेटफॉर्म चुनाव के दिन जाम्बिया में प्रतिबंधित रहेंगे। हालाँकि, जाम्बिया सरकार ने इन रिपोटरें का खंडन किया और उन्हें इसे दुर्भावनापूर्ण बताया। सूचना और प्रसारण सेवा स्थायी सचिव, अमोस मालुपेंगा ने कहा कि सरकार नागरिकों से जिम्मेदारी से इंटरनेट का उपयोग करने की उम्मीद करती है। अगर कुछ लोग गुमराह करने और गलत सूचना देने के लिए इंटरनेट का दुरुपयोग करना चुनते हैं, तो सरकार कानून व्यवस्था के तहत किसी के लिए भी कानूनी प्रावधानों को लागू करने में संकोच नहीं करेगी, क्योंकि देश में चुनाव हो रहे हैं। कई अफ्रीकी देशों जैसे कैमरून, कांगो, युगांडा, तंजानिया, गिनी, टोगो, बेनिन, माली और मॉरिटानिया को अतीत में चुनावों के दौरान सोशल मीडिया प्रतिबंधों और इंटरनेट बंद का सामना करना पड़ा है। इस महीने की शुरूआत में, जाम्बिया के राष्ट्रपति एडगर लुंगु ने आम चुनावों से पहले हुई हिंसा को रोकने में पुलिस की मदद करने के प्रयास में सेना और अन्य बलों की तैनाती की अनुमति दी थी। जाम्बिया के नेता ने दुख व्यक्त किया कि लोग अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग करने के लिए मारे गए हैं और राजनीतिक दल के समर्थकों से अधिकतम संयम बरतने का आग्रह किया। 31 जुलाई को देश की मुख्य विपक्षी पार्टी, यूनाइटेड पार्टी फॉर नेशनल डेवलपमेंट (यूपीएनडी) के समर्थकों के साथ संघर्ष के बाद लुसाका में कन्यामा टाउनशिप में गवनिर्ंग पैट्रियटिक फ्रंट (पीएफ) के दो समर्थकों की मौत हो गई। दोनों पार्टियों के समर्थकों आम चुनाव का प्रचार करते हुए हिंसा में लिप्त हो गए, जिससे चुनावी निकाय को अपने अभियान को स्थगित करने के लिए मजबूर होना पड़ा। --आईएएनएस एमएसबी/आरजेएस

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