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अकेली ओलंपिक चैंपियन वांग लीफिंग

बीजिंग, 23 जुलाई (आईएएनएस)। वर्ष 2000 में आयोजित सिडनी ओलंपिक खेलों में चीन के ल्याओनिंग प्रांत से आई ग्रामीण लड़की वांग लीफिंग ने चीन के लिये ट्रैक एन्ड फील्ड इवेंट में एकमात्र स्वर्ण पदक जीता। लेकिन जब उन्हें सबसे पहले 20 किमी महिला रेस वॉकिंग के अंत तक पहुंचकर जीत मिली, तो उसी समय पूरे व्यायामशाला में केवल एक अनुवादक ने उनके लिये वाहवाही की। क्योंकि उनके कोच व्यायामशाला के बाहर इंतजार कर रहे थे, इसलिये वांग लीफिंग को राष्ट्रीय झंडा भी नहीं मिल सका, इसलिये वे अकेले और नंगे हाथों से ही मैच के मैदान में घूमती रहीं। उसी समय उनकी आंखों में जीत के आंसू के साथ कुछ उदासी भी नजर आ रही थी, क्योंकि उसी समय ओलंपिक खेलों की ट्रैक एन्ड फिल्ड इवेंटों में चीन की क्षमता बहुत कमजोर थी। किसी ने नहीं सोचा था कि वे चैंपियनशिप जीत सकती हैं। खिलाड़ियों के प्रति सबसे गौरव के समय पर वांग लीफिंग ने दर्शकों की ओर वाहवाही नहीं देखी, तालियां भी नहीं सुनी, यहां तक कि उन्होंने पत्रकारों का ध्यान भी नहीं खींचा। देखने में वे औलंपिक के इतिहास में सबसे अकेली चैंपियन बन गयीं। लेकिन इस चैंपियन के पीछे वांग लीफिंग की अथक कोशिश छिपी हुई है। वे एक किसान परिवार से हैं। बचपन में उनका शरीर बहुत पतला व लंबा था। हर दिन स्कूल जाने के लिये उन्हें दो पहाड़ों को पार करना पड़ता था। रास्ते पर उन्हें लगभग तीन घंटे लगते थे। इसलिये बचपन से ही वांग लीफिंग को अच्छा धीरज प्राप्त है। हर बार जब स्कूल में खेल समारोह का आयोजन हुआ, तो उन्हें जरूर लंबी दौड़ की चैंपियन मिली। प्राइमरी स्कूल के पांचवें ग्रेड में वांग लीफिंग ने पहली बार काऊंटी द्वारा आयोजित खेल समारोह में भाग लिया और लंबी दौड़ की चैंपियन भी प्राप्त की। मां ने पुरस्कार के रूप में उन्हें एक सुन्दर स्कर्ट खरीदी। 13 वर्ष की उम्र में वांग लीफिंग पहली बार पैदल दौड़ के संपर्क में आयी। फिर एक साल बाद वे अपनी योग्यता से काऊंटी के खेल कॉलेज में शामिल हुईं। बाद में पैदल दौड़ की जगत में प्रसिद्ध चीनी कोच वांग ख्वेई ने उन्हें चुनकर ल्याओनिंग प्रांतीय खेल टीम में शामिल किया। हालांकि उसी समय ट्रेनिंग बहुत कठोर थी, लेकिन वांग लीफिंग बहुत मजबूत थीं, और सभी अभ्यास पर जोर देती रहीं। अथक कोशिश से उन्हें बहुत अच्छी उलब्धियां हासिल हुईं। खास तौर पर वर्ष 2000 के सिडनी ओलंपिक में वे सभी प्रतियोगियों को पछाड़ कर सबसे पहले अंतिम रेखा पर पहुंचीं। उसी समय हालांकि राष्ट्रीय झंडा उनके हाथों में नहीं था, लेकिन उनके दिल में राष्ट्रीय झंडा हमेशा लहरा रहा होता है। बताया जाता है कि ट्रैक एन्ड फिल्ड ओलंपिक में स्वर्ण पदक पाने की सबसे बड़ी इवेंट है। हाल के कई वर्षों में चीन ने ट्रैक एन्ड फिल्ड इवेंटों पर बल दिया जिससे इस इवेंट में चीन द्वारा प्राप्त स्वर्ण पदकों की संख्या भी बढ़ गयी। उदाहरण के लिये पिछले रियो ओलंपिक में चीनी खिलाड़ियों ने ट्रैक अन्ड फिल्ड इवेंटों में दो स्वर्ण, दो रजत व दो कांस्य पदक जीते, और इस बार के टोक्यो ओलंपिक में चीन ट्रैक एन्ड फिल्ड इवेंटों में पदकों की कुल संख्या और स्वर्ण पदकों की संख्या दो पक्षों में बढ़ाने की कोशिश करेगा। (चंद्रिमा) --आईएएनएस एएनएम

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