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अमेरिकी संसद में 1.9 ट्रिलियन डॉलर का कोरोना राहत बिल पारित

वॉशिंगटन, 28 फरवरी (हि.स.)। अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा ने शनिवार को 1.9 ट्रिलियन डॉलर (करीब 136 लाख करोड़ रुपये) के कोरोना राहत पैकेज संबंधी विधेयक को मंजूरी दे दी है। राष्ट्रपति जो बाइडन के इस पैकेज के जरिये कोरोना महामारी के चलते संकट का सामना कर रहे लोगों, कारोबारियों, प्रांतों और शहरों को वित्तीय सहायता दी जाएगी। प्रतिनिधि सभा में 212 के मुकाबले 219 वोट से इस विधेयक को पारित किया गया। अर्थव्यवस्था पर गहरी चोट डेमोक्रेट सांसदों ने कहा कि कोरोना महामारी से अर्थव्यवस्था को गहरी चोट लगी है, जो फिलहाल पूरी तरह से संभल नहीं पाई है। लाखों लोगों की नौकरियां चली गई हैं, ऐसे में निर्णायक कार्रवाई जरूरी है। वहीं रिपब्लिकन सांसदों ने कहा कि विधेयक में बहुत अधिक खर्च का प्रावधान किया गया है, लेकिन स्कूलों को खोलने के लिए ज्यादा धन नहीं रखा गया है। आलम यह है कि केवल नौ फीसद रकम ही सीधे कोरोना से लड़ने में खर्च हो सकेगी। लोगों की चिंता करती है सरकार सदन में अल्पमत के नेता केविन मैकार्थी ने कहा, 'मेरे सहयोगी इस विधेयक को साहसिक कदम बता रहे हैं, लेकिन यह महज दिखावटी है। बिना किसी जवाबदेही के धनराशि का आवंटन किया गया है।' प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने कहा, 'अमेरिकी लोगों को यह जानना होगा कि उनकी सरकार उनकी परवाह करती है। एक बार कानून बनने के बाद न्यूनतम वेतन में भी बढ़ोतरी होगी।' सीनेट में पारित होने के बाद बन जाएगा कानून सीनेट से पारित होने के बाद यह बिल कानून बन जाएगा। हालांकि सीनेट में रिपब्लिकन और डेमोक्रेट दोनों के ही 50-50 सदस्य हैं। अगर मतदान के दौरान फैसला टाई होता है तो सीनेट की नेता और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का वोट निर्णायक होगा। प्रत्येक अमेरिकी को 1,400 डॉलर की सीधी मदद कोरोना राहत बिल के तहत प्रत्येक अमेरिकी को 1,400 डॉलर (करीब एक लाख भारतीय रुपये) की सीधी मदद दी जाएगी। इसके अलावा पिछले वर्ष 29 अगस्त से संघीय बेरोजगारी भत्ते के तौर पर चार सौ डॉलर प्रति सप्ताह के हिसाब से और भुगतान किया जाएगा। जो लोग महामारी के दौरान घर का किराया और बैंक की ईएमआइ नहीं दे पाए हैं, उन्हें भी वित्तीय मदद दी जाएगी। 1.8 करोड़ अमेरिकी बेरोजगार कोरोना महामारी के चलते 1.8 करोड़ अमेरिकी बेरोजगारी बीमा पर आश्रित हो गए हैं और चार लाख छोटे व्यापार बंद हो गए हैं। कम से कम 1.4 करोड़ लोग घर का किराया नहीं दे पाए हैं जिससे उनके सिर पर से छत हटने का खतरा मंडरा रहा है। किस मद में कितना होगा खर्च 1- सीधे भुगतान : 422 अरब डॉलर, 2- बेरोजगारी भत्ता : 246 अरब डॉलर, 3- माता-पिता की सहायता के लिए : 120 अरब डॉलर, 4- कोरोना टेस्ट और टीकाकरण : 70 अरब डॉलर, 5- स्कूलों को दोबारा खोलने के लिए : 170 अरब डॉलर, 6- छोटे व्यापारिक प्रतिष्ठानों के लिए : 110 अरब डॉलर, 7- स्थानीय प्रशासन के लिए : 350 अरब डॉलर, 8-स्वास्थ्य बीमा के लिए : 55 अरब डॉलर, 9- न्यूनतम मजदूरी के लिए : 15 अरब डॉलर हिन्दुस्थान समाचार/अजीत

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