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जैव-विविधता संरक्षण की ख़ातिर, यूनेस्को की eDNA परियोजना

यूनेस्को ने, दुनिया भर में स्थित, तमाम वैश्विक समुद्री विरासत स्थलों की जैव-विविधता सम्बन्धी प्रचुर समृद्धि को समझने के लिये, जैव-विविधता को सहेजने और उसकी हिफ़ाज़त करने के लक्ष्य से, सोमवार को एक परियोजना शुरू की है जो पर्यावरणीय डीएनए (eDNA) के अध्ययन पर आधारित है. 🚨Fish species diversity is rapidly decreasing🚨 To assess potential future impacts of global warming on local #biodiversity across marine #WorldHeritage sites, we're launching an environmental DNA initiative. Read more on how the e-DNA will be sampled: https://t.co/16HzzAekrz pic.twitter.com/mcCnGdQ1iA — UNESCO 🏛️ #Education #Sciences #Culture 🇺🇳😷 (@UNESCO) October 18, 2021 संयुक्त राष्ट्र के शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन – यूनेस्को ने ये नया कार्यक्रम शुरू करते हुए कहा है कि प्रजातियों की निगरानी के लिये, वैज्ञानिक गण और स्थानीय निवासी, मछलियों के कचरे से अनुवंशीय सामग्री व अन्य तरह के सम्बन्धित नमूने एकत्र करेंगे. जोखिम के दायरे में प्रजातियाँ यूनेस्को का कहना है कि दो वर्ष के इस कार्यक्रम में, जलवायु परिवर्तन के लिये, समुद्री जैव-विविधता के जोखिमों व कमज़ोरियों का आकलन करने की कोशिश की जाएगी. साथ ही, सभी विश्व विरासत स्थलों में, समुद्री जीवन के प्रवास और मौजूदगी के प्रभाव को भी मापा जाएगा. eDNA नामक इस परियोजना में, मिट्टी, पानी और वायु सहित पर्यावरण के नमूने एकत्र करके उनका विश्लेषण किया जाएगा. साथ ही, अन्तरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) की लाल सूची में शामिल, जोखिम का सामना कर रही प्रजातियों की निगरानी करने और उनके संरक्षण के लिये भी बेहतर उपाय किये जाएंगे. यूनेस्को के संस्कृति सहायक महानिदेशक अरनेस्टो ओटॉन रेमिरेज़ का कहना है कि जलवायु परिवर्तन, समुद्रों के भीतर भी जीवन की मौजूदगी और बर्ताव को प्रभावित कर रहा है. उन्होंने कहा, "हमें ये समझना होगा कि वहाँ आख़िर हो क्या रहा है, ताकि हम अपने संरक्षण प्रयास, बदलती परिस्थितियों के अनुरूप ढाल सकें." लहरों के नीचे यूनेस्को के विश्व विरासत स्थल, अपनी अनोखी जैव-विविधता, असाधारण पारिस्थितिकी, और पृथ्वी के इतिहास में विभिन्न प्रमुख चरणों व युगों का प्रतिनिधित्व करने के लिये पहचाने जाते हैं. ये परियोजना, संयुक्त राष्ट्र के टिकाऊ विकास के लिये समुद्री विज्ञान दशक (2021-2030) के तहत, वैश्विक रुझानों को समझने और समुद्री पारिस्थितिकियों के संरक्षण में योगदान करने के लिये शुरू की गई है. Ocean Image Bank/Matt Curnock तटीय व समुद्री पारिस्थितिकी तंत्रों से करोड़ों लोगों को भोजन, आजीविका मिलती है और तटीय रक्षा भी सुनिश्चित होती है. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

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