संयुक्त राष्ट्र महिला ने आर्थिक सुधार के लिए नए फेमिनिस्ट रोडमैप का अनावरण किया
संयुक्त राष्ट्र, 17 सितम्बर (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र महिला ने कोविड-19 महामारी और पिछले संकटों से सीखते हुए आर्थिक सुधार और परिवर्तन के लिए एक फेमिनिस्ट प्लान का अनावरण किया है। संयुक्त राष्ट्र महिला की रिपोर्ट बियॉन्ड कोविड -19: ए फेमिनिस्ट प्लान फॉर सस्टेनेबिलिटी एंड सोशल जस्टिस नामक शीर्षक के हवाले से समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने बताया कि महामारी ने पहले से मौजूद लैंगिक असमानताओं को बढ़ा दिया है और पहले से ही नाजुक वैश्विक अर्थव्यवस्था में कमजोरियां देखी गई हैं। वैश्विक स्तर पर, 2019 और 2020 में, महिलाओं ने 54 मिलियन नौकरियों को खो दिया। महामारी से पहले भी, उन्होंने पुरुषों की तुलना में तीन गुना अधिक बिना पैसों के देखभाल कार्य किया। पर्यावरण के लिहाज से महिलाएं असमान रूप से प्रभावित होती हैं, जबकि जलवायु परिवर्तन को संबोधित करने के लिए नीति और वित्तपोषण के निर्णय लेने से भी वंचित रह जाती हैं। उन्होंने कहा कि 2021 के अंत तक पुरुषों की नौकरियां ठीक हो जाएंगी, लेकिन तब भी लगभग 13 मिलियन महिलाओं के पास रोजगार नहीं होगा। इन अन्तर्विभाजक संकटों को दूर करने के लिए, संयुक्त राष्ट्र महिला बेहतर नीति, कार्रवाई और निवेश का आह्वान कर रही है, जिसमें देखभाल अर्थव्यवस्था और सामाजिक बुनियादी ढांचे में निवेश करना शामिल है,। जैसे कि नौकरियों के सृजन के लिए गुणवत्ता देखभाल सेवाओं का विस्तार और अवैतनिक देखभाल करने वालों के लिए समर्थन बढ़ाना; पर्यावरणीय स्थिरता के लिए संक्रमण की क्षमता का उपयोग करना, जो 24 मिलियन नए हरित रोजगार पैदा कर सकता है। संस्थागत क्षेत्रों में महिलाओं के नेतृत्व को बढ़ावा देना और महिला संगठनों के लिए धन में वृद्धि करना है। इन उपायों के वित्तपोषण के लिए, परिवर्तनकारी व्यापक आर्थिक नीतियां हैं। प्रगतिशील और विशेष रूप से कम आय वाले देशों के लिए, वैश्विक सहयोग और ऋण राहत सहित तत्काल आवश्यकताएं हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐतिहासिक रूप से बहिष्कृत समूहों की आवाज को बढ़ाने और प्रभावी लिंग मुख्यधारा सुनिश्चित करने के लिए सत्ता संबंधों में बदलाव हासिल करना भी उतना ही महत्वपूर्ण होगा। संयुक्त राष्ट्र महिला की कार्यकारी निदेशक प्रमिला पैटन ने गुरुवार को कहा, एक नए सामाजिक अनुबंध की आवश्यकता जो सभी के लिए स्थिरता और सामाजिक न्याय प्रदान करती है, कभी स्पष्ट नहीं रही। उन्होंने कहा, हमारे पास आर्थिक असुरक्षा, पर्यावरण विनाश और बहिष्करण की राजनीति के दुष्चक्र को तोड़ने और एक बेहतर, अधिक लिंग-समान और टिकाऊ दुनिया को आकार देने का एक पीढ़ीगत अवसर है। उन्होंने कहा, आज की रिपोर्ट लैंगिक समानता और महिलाओं के अधिकारों पर खोई हुई जमीन को ठीक करने के साथ-साथ यह कैसे करना है, इसके लिए एक रोडमैप प्रदान करती है। --आईएएनएस एसकेके/आरजेएस