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संयुक्त राष्ट्र राहत प्रमुख ने टिग्रे में विस्थापित लोगों के स्थल का दौरा किया

संयुक्त राष्ट्र, 31 जुलाई (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र के नए आपातकालीन राहत समन्वयक मार्टिन ग्रिफिथ्स ने इथियोपिया के संघर्ष प्रभावित टिग्रे क्षेत्र में आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों के लिए एक स्थल का दौरा किया। इसकी जानकारी एक प्रवक्ता ने दी। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के सहयोगी प्रवक्ता एरी कानेको ने कहा कि शुक्रवार को यात्रा के दौरान, विश्व संगठन के मानवीय सहयोगियों ने ग्रिफिथ को राहत प्रमुख के रूप में अपने पहले मिशन के बारे में जानकारी दी। ग्रिफिथ्स ने संकट से प्रभावित लोगों से भी मुलाकात की। उन्होंने एक नियमित ब्रीफिंग में संवाददाताओं से कहा कि हमारे मानवीय साझेदारों के अनुसार, अनुमानित 5.2 मिलियन लोगों को टिग्रे में सहायता की आवश्यकता है। यूनिसेफ का अनुमान है कि टिग्रे में 100,000 से ज्यादा बच्चे अगले 12 महीनों में जानलेवा गंभीर कुपोषण से पीड़ित हो सकते हैं, जो औसत वार्षिक मामलों की तुलना में दस गुना ज्यादा है। उन्होंने कहा कि, यह कुपोषण संकट भोजन, स्वास्थ्य, पोषण, पानी और स्वच्छता प्रणालियों और सेवाओं को व्यापक, व्यवस्थित क्षति के बीच हो रहा है, जो बच्चे और उनके परिवार अपने अस्तित्व के लिए निर्भर करते हैं। बीमारी के प्रकोप का विशेष रूप से भीड़भाड़ वाले, विस्थापित परिवारों की मेजबानी करने वाले अस्वच्छ स्थलों में खतरा ज्यादा है। नरसंहार की रोकथाम पर महासचिव के संयुक्त राष्ट्र के विशेष सलाहकार एलिस वैरिमु नेदेरितु ने इथियोपिया में जातीय हिंसा और कथित यौन हिंसा, बाल सैनिकों की भर्ती, मनमानी गिरफ्तारी और जातीय सहित गंभीर मानवाधिकारों के उल्लंघन और दुर्व्यवहार की रिपोर्ट पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने शीर्ष राजनीतिक नेताओं और संबद्ध सशस्त्र समूहों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले भड़काऊ बयानों की भी निंदा की। नेदेरितु ने एक बयान में कहा कि, मौजूदा सामाजिक-राजनीतिक संदर्भ में इस तरह की गतिशीलता, देश भर में गहरे बैठे जातीय तनावों की विशेषता, समुदायों को और अलग करने की दिशा में एक खतरनाक प्रक्षेपवक्र है। 4 नवंबर, 2020 के शुरूआती घंटों के बाद से, इथियोपियाई सरकार ने टीएलपीएफ के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू किया, क्योंकि बाद में राजनीतिक सुधारों को खारिज कर दिया और सेना के ठिकानों पर कब्जा कर लिया। दोनों पक्षों के बीच भीषण लड़ाई में हजारों लोग मारे गए हैं। दो मिलियन से ज्यादा लोग विस्थापित हो गए हैं और 350,000 अकाल की ओर धकेल दिए गए हैं। --आईएएनएस एसएस/एएनएम

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