the-use-of-ieds-in-afghanistan-is-the-main-reason-for-the-record-civilian-casualties
the-use-of-ieds-in-afghanistan-is-the-main-reason-for-the-record-civilian-casualties

अफगानिस्तान में आईईडी का इस्तेमाल रिकॉर्ड नागरिकों के हताहत होने की अहम वजह

नई दिल्ली/काबुल, 26 जुलाई (आईएएनएस)। अफगानिस्तान के महासचिवों के विशेष प्रतिनिधि डेबोरा लियोन ने कहा कि अगर इस साल बढ़ती हिंसा को नहीं रोका गया तो इस साल अभूतपूर्व संख्या में अफगान नागरिक मारे जाएंगे और अपंग हो जाएंगे। संयुक्त राष्ट्र के दूत व यूएनएएमए के प्रमुख ने तालिबान और अफगान नेताओं से अपील करते हुए कहा, बातचीत की मेज पर अपने प्रयासों को तेज करें, अफगान को अफगान लड़ाई के खिलाफ रोकें। अफगान लोगों की रक्षा करें और उन्हें बेहतर भविष्य की आशा दें। अफगानिस्तान में 2021 की पहली छमाही में नागरिकों के हताहत होने की संख्या रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई, जिसमें मई के बाद से हत्याओं और जख्मी होने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी। जब अंतर्राष्ट्रीय सैन्य बलों ने अपनी वापसी शुरू की, तब तालिबान के हमले के बाद लड़ाई तेज हो गई। सोमवार को जारी एक नई रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी कि हिंसा में महत्वपूर्ण कमी के बिना, 2021 में अफगानिस्तान को यूएनएएमए रिकॉर्ड शुरू होने पर एक वर्ष में नागरिकों के हताहत होने की संख्या सबसे अधिक नजर आएगी। यूएनएएमए का अफगानिस्तान प्रोटेक्शन ऑफ सिविलियंस इन आम्र्ड कॉन्फ्लिक्ट मिडीयर अपडेट 2021, दस्तावेज, 5,183 नागरिक हताहत (1,659 मारे गए और 3,524 घायल), 2020 में इसी अवधि की तुलना में 47 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। 1 मई से अब तक मारे गए और घायल हुए नागरिकों की संख्या में तीव्र वृद्धि गंभीर चिंता का विषय है। मई-जून की अवधि में लगभग उतने ही नागरिक हताहत हुए हैं, जितने पिछले चार महीनों में दर्ज किए गए हैं। मई और जून के दौरान नागरिक हताहतों की संख्या कुल मिलाकर 2,392 (783 मारे गए और 1,609 घायल) उन महीनों के लिए सबसे अधिक थे, जब से 2009 में यूएनएएमए ने अपना व्यवस्थित प्रलेखन शुरू किया था। जनवरी-अप्रैल 2021 की अवधि में 2,791 नागरिक हताहत हुए (876 मारे गए और 1,915 घायल)। मई और जून के सबसे घातक महीनों के दौरान युद्ध के मैदान की अधिकांश कार्रवाई शहरों के बाहर, तुलनात्मक रूप से कम जनसंख्या स्तर वाले क्षेत्रों में हुई। संयुक्त राष्ट्र इस बात से गंभीर रूप से चिंतित है कि यदि उच्च जनसंख्या घनत्व वाले शहरी क्षेत्रों में गहन सैन्य कार्रवाई की जाती है, तो अफगान नागरिकों के लिए परिणाम विनाशकारी हो सकते हैं। विशेष रूप से चौंकाने वाली और गहरी चिंता की बात यह है कि 2021 की पहली छमाही में सभी नागरिक हताहतों में महिलाओं, लड़कों और लड़कियों की संख्या लगभग आधी थी। सभी नागरिक हताहतों में से 46 प्रतिशत, 32 प्रतिशत बच्चे थे। कुल 1,682 हताहत हुए, जिनमें 468 मारे गए और 1,214 घायल हुए। इनमें 14 प्रतिशत महिलाएं थीं, जिनमें से 727 हताहत हुईं (219 मरीं और 508 घायल)। यह रिपोर्ट करना दुखद है कि किसी भी कैलेंडर वर्ष की पहली छमाही में पहले से कहीं अधिक महिलाएं और बच्चे मारे गए व घायल हुए। सरकार विरोधी तत्व (एजीई) कुल हताहत नागरिकों में से 64 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार थे। तालिबान द्वारा 39 प्रतिशत, इस्लामिक स्टेट-खुरासान प्रांत (आईएसआईएल-केपी) द्वारा लगभग नौ प्रतिशत और अनिर्धारित आयु वर्ग द्वारा 16 प्रतिशत नागरिक मारे गए। 25 प्रतिशत नागरिक हताहतों के लिए सरकार समर्थक बल (पीजीएफ) जिम्मेदार थे। इनमें 23 प्रतिशत अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा बलों द्वारा और दो प्रतिशत सरकार समर्थक सशस्त्र समूहों या अनिर्धारित पीजीएफ द्वारा। उल्लेखनीय है कि 2009 में यूएनएएमए ने हताहत हुए नागरिकों का अपना व्यवस्थित दस्तावेज बनाना शुरू किया, उसके बाद से यह पहली रिपोर्ट है जो अंतर्राष्ट्रीय सैन्य बलों के लिए एक भी नागरिक के हताहत होने का कारण नहीं है। 2021 की पहली छमाही में नागरिकों के हताहत होने के प्रमुख कारणों में एजीई द्वारा तात्कालिक विस्फोटक उपकरणों (आईईडी) का व्यापक उपयोग, एजीई द्वारा लक्षित हत्याएं और अफगान वायुसेना द्वारा हवाई हमले थे। नागरिकों के हताहत होने का मुख्य कारण है तालिबान और आईएसआईएल-केपी द्वारा गैर-आत्मघाती आईईडी का इस्तेमाल किया जाना। आईईडी के इस्तेमाल से 38 प्रतिशत नागरिक हताहत हुए। यह आंकड़ा, 2020 में इसी अवधि में दर्ज आंकड़े से लगभग तिगुना है। तालिबान द्वारा लगभग सभी प्रेशर-प्लेट आईईडी के उपयोग के परिणामस्वरूप, 2020 में इसी अवधि की तुलना में 42 प्रतिशत अधिक नागरिक हताहत हुए। प्रेशर-प्लेट आईईडी ऐसा है, जिसे बच्चे भी ट्रिगर कर सकते हैं और अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन कर सकते हैं। यूएनएएमए ने तालिबान से इन अंधाधुंध उपकरणों के उपयोग पर स्थायी रूप से प्रतिबंध लगाने के अपने आह्वान को दोहराया है। एजीई द्वारा लक्षित हत्याएं हताहतों का आंकड़ा बढ़ने का तीसरा प्रमुख कारण हैं। ये हत्याएं हताहत नागरिकों के आंकड़े को 14 प्रतिशत बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हैं। अफगान वायुसेना के कारण हुए हवाई हमलों में आठ प्रतिशत नागरिक हताहत हुए। 2020 की पहली छमाही की तुलना में, हवाई हमलों में मारे जाने वाले और घायल हुए नागरिकों की कुल संख्या में 33 प्रतिशत की वृद्धि हुई। यूएनएएमए जानबूझकर नागरिकों को लक्षित करने वाले एजीई हमलों के जारी रहने पर गहराई से चिंतित है, विशेष रूप से आईईडी और गोलीबारी के माध्यम से, जिसमें नागरिक सरकारी कर्मचारियों, मानवाधिकार रक्षकों, मीडियाकर्मियों, धार्मिक बुजुर्गो और मानवीय कार्यकर्ताओं और सांप्रदायिक-प्रेरित हमलों को लक्षित करना शामिल है। बच्चों को कम से कम एक मौके पर जानबूझकर निशाना बनाया गया। सबसे चौंकाने वाली घटना काबुल में सैयद उल-शुहुदा स्कूल के बाहर 8 मई को हुआ हमला था, जिसके परिणामस्वरूप 300 से अधिक नागरिक हताहत हुए, जिनमें से ज्यादातर स्कूली लड़कियां थीं, जिनमें 85 की मौत हो गई थी, जिसके लिए किसी भी उम्र ने जिम्मेदारी नहीं ली थी। यूएनएएमए ने शिया मुस्लिम धार्मिक अल्पसंख्यक के खिलाफ जानबूझकर सांप्रदायिक-प्रेरित हमलों का पुनरुत्थान दर्ज किया, जिनमें से अधिकांश भी हजारा जातीय अल्पसंख्यक से संबंधित हैं, लगभग सभी का दावा आईएसआईएल-केपी ने किया है। इनमें अकेले मई-जून में कम से कम आठ आईईडी सहित गैर-आत्मघाती आईईडी हमले और गोलीबारी शामिल हैं, जिसमें हजारा समुदाय के सदस्यों को ले जाने वाली बसों या इसी तरह के वाहनों को निशाना बनाया गया था। कुल मिलाकर, 1 जनवरी से 30 जून, 2021 के बीच, यूएनएएमए ने शिया/हजारा को लक्षित करने वाली 20 घटनाओं का दस्तावेजीकरण किया, जिसके मुताबिक, 500 नागरिक हताहत हुए (143 मारे गए और 357 घायल हुए)। --आईएएनएस एसजीके/एएनएम

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in