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चीन-अमेरिका शिखर वीडियो वार्ता ने दुनिया को प्रबल संकेत भेजा

बीजिंग, 17 नवंबर (आईएएनएस)। आगामी 50 सालों में अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में सब से अहम बात है कि चीन और अमेरिका को सहअस्तित्व के सही रास्ते की खोज करनी है। पेइचिंग समयानुसार 16 नवम्बर की सुबह चीन-अमेरिका शिखर वीडियो वार्ता में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने यह बात कही, जिसने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का ध्यान खींचा है। कुंजीभूत वक्त पर चीन और अमेरिका के नेताओं ने फिर एक बार द्विपक्षीय संबंधों की दिशा दिखायी। निसंदेह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय यह देखना चाहता है। हाल में चीन-अमेरिका संबंध एक चौराहे पर खड़े हैं। इस पृष्ठभूमि में चीन-अमेरिकी शिखर वार्ता गलतफहमियों से बचने और संपर्क और सहयोग को आगे बढ़ाने में मददगार सिद्ध होगी। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने वार्ता में कहा कि अमेरिका-चीन सम्बन्धों को नहीं तोड़ा जा सकता। उन्होंने दोहराया कि अमेरिका चीन के तंत्र को नहीं बदलना चाहता है, गठबंधन देशों के संबंधों को मजबूत करने से चीन का विरोध नहीं करना चाहता है, चीन के साथ मुठभेड़ नहीं करना चाहता है और थाईवानी स्वाधीनता का समर्थन नहीं करना चाहता है। चीनी नेता ने कहा कि, अमेरिका को अपने वादे का पालन करना चाहिए, और अपनी यथार्थ कार्रवाइयों से चीनी लोगों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को आश्वासन देना चाहिए। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने चीन और अमेरिका को समुद्र में चलने वाले दो महान जहाज बताया और आशा जताई कि दोनों साथ-साथ आगे चल सकेंगे और एक दूसरे को टक्कर नहीं मारेंगे। चीन आशा करता है कि अमेरिका व्यवहारिक कार्रवाइयों से शिखर वार्ता की भावना का कार्यान्वयन कर चीन के साथ संपर्क और सहयोग को मजबूत करेगा, अपने देश के मामलों का अच्छी तरह निपटारा करेगा, अपना अंतर्राष्ट्रीय कर्तव्य निभाएगा। यह चीन व अमेरिका दोनों देशों और दोनों देशों के नागरिकों की समान अभिलाषा है। ( साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग ) --आईएएनएस एएनएम

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