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श्रीलंकाई प्रबंधक के सिर पर मिले चोट के कई निशान, सियालकोट में भीड़ ने की थी हत्या

नई दिल्ली, 5 दिसम्बर (आईएएनएस)। श्रीलंकाई नागरिक प्रियंता कुमारा के शव के प्रारंभिक पोस्टमार्टम से पता चला है कि उनके सिर पर गंभीर चोट लगने से उनकी मौत हुई थी। उसको आग के हवाले करने से पहले उनके अंगों की अधिकांश हड्डियां टूट चुकी थीं। शनिवार को सामने आई रिपोर्ट और अतिरिक्त वीडियो में लिंचिंग के नए विवरण सामने आए हैं। यह सामने आया कि एक सहयोगी ने भीड़ से प्रियंता को बचाने की कोशिश की। ईशनिंदा के कथित आरोपों को लेकर शुक्रवार को फैक्ट्री के कर्मचारियों और अन्य लोगों की भीड़ ने श्रीलंकाई नागरिक की पीट-पीटकर हत्या कर दी। उन्होंने वजीराबाद रोड स्थित राजको इंडस्ट्रीज की इकाई में निर्यात प्रबंधक के रूप में काम किया था। फैक्ट्री के कर्मचारियों ने पहले उनकी हत्या की और फिर उनके शव को बाहर खींचकर आग के हवाले कर दिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि भयावह घटनाओं को मोबाइल कैमरों में रिकॉर्ड किया गया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में प्रियंता कुमारा के अंतिम क्षणों का पता चलता है, जो एक दशक से अधिक समय से इस देश में काम कर रहे थे। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रियंता की खोपड़ी पर कई वार हुए और एक जोरदार झटका उनके दिमाग में गहराई तक चला गया, जिससे उनकी मौत हो गई। समा टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, भीड़ ने लगभग सभी अंगों की हड्डियां तोड़ दीं। जलने और घावों से लगभग 99 प्रतिशत क्षतिग्रस्त हो गए। निचले पैरों को छोड़कर शरीर जल गया था। कानूनी औपचारिकताओं और पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने सुरक्षा के बीच शव को लाहौर ले जाया गया है। शव इस्लामाबाद में श्रीलंकाई उच्चायोग को सौंपा जाएगा। भीड़ ने प्रियंता पर ईशनिंदा का आरोप लगाया था, जब उन्होंने फैक्ट्री की दीवारों पर चिपकाए गए एक धार्मिक संगठन के कुछ पोस्टरों को कथित तौर पर फाड़ दिया था। रिपोर्ट में कहा गया है, हालांकि, शनिवार को एक पुलिस जांच से पता चला कि प्रियनाथ और कार्यकर्ताओं के बीच एक अन्य मुद्दे पर तीखी नोकझोंक हुई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि विदेशी कंपनियों द्वारा राजको इंडस्ट्रीज का निरीक्षण किया जाना था और मृतक ने फैक्ट्री मशीनों के पूर्ण ओवरहाल और रखरखाव का आदेश दिया था। पुलिस के मुताबिक शुक्रवार सुबह 10 बजे मैनेजर और कर्मचारियों के बीच पहली बार तीखी नोकझोंक हुई, जो बाद में हिंसा में बदल गई। इसमें कहा गया है कि कुछ कर्मचारियों को अपमान के लिए निकाल दिया गया था। विवाद के बाद, श्रमिकों ने कारखाने में विरोध प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि प्रियंता कुमारा ने ईशनिंदा की है। विरोध ने क्षेत्र में यातायात को निलंबित कर दिया और भीड़ धीरे-धीरे बड़ी हो गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि शनिवार को नए वीडियो और रिपोर्ट सामने आए, जिसमें बताया गया कि सड़क पर विरोध के बाद भीड़ के कारखाने में फिर से प्रवेश करने के बाद, प्रियंता अपनी जान बचाने के लिए छत पर भाग गए। वीडियो में दिख रहा है कि भीड़ ने उन्हें छत पर सोलर पैनल के बीच घेर लिया। एक सहयोगी ने प्रियंता को भीड़ से बचाने की कोशिश की, क्योंकि श्रीलंकाई नागरिक उनके पैरों से चिपक गया था। --आईएएनीस एचके/आरजेएस

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